नई दिल्ली। 24वें मिनट तक सब ठीक था। हिंदुस्तान ने दुनिया की नंबर वन हॉकी टीम को छका रखा था और 2-0 से बढ़त बना रखी थी लेकिन इसके बाद जो...
एक समय ऐसा लग रहा था कि जिस तरह से जर्मनी के साथ खेलते हुए टीम इंडिया उलटफेर करने से रह गया था वो यहां हो जाएगा लेकिन जो टीम इंडिया 24वें मिनट तक वर्ल्ड चैंपियंस पर भारी पड़ रही थी, उस पर जब कंगारूओं का हमला हुआ तो बचाव का कोई रास्ता नहीं दिखा और मध्यांतर तक जाते-जाते ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2-3 से पीछे कर दिया था।
इसके बाद अगले हाफ में तो ऑस्ट्रेलिया ने दनादन 4 गोल दागे और हिंदुस्तान को एक भी गोल करने का मौका नहीं दिया। वैसे जिस तरह से शुरुआत में टीम इंडिया रक्षण, आक्रमण और आपसी तालमेल का मुज़ाहिरा कर रही थी उससे लग रहा था कि इसी स्टेडियम में रिक चार्ल्सवर्थ की टीम से राष्ट्रमंडल खेलों में मिली 8-0 की करारी हार और फिर पिछली बार विश्व हॉकी लीग के सेमीफाइनल में 5-1 से हारनेवाली टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियंस को हराते हुए देखने का सुखद अनुभव मिलेगा लेकिन 24वें मिनट में निकोलस बजियोन ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से पहला गोल दागा, फिर 29वें मिनट में जासन विल्सन ने और मध्यांतर से पहले तीसरा गोल दगा ग्लेन टर्नर की स्टिक से 35वें मिनट में।
दूसरे हाफ में तो कंगारू भारतीय शेरों को हंफाते रहे, थकाते रहे और 41वें मिनट में रसेल फोर्ड ने एक गोल मारा फिर 45वें मिनट में साइमन ओचार्ड की हॉकी बोली। अगला गोल 47वें मिनट में फिर से रसेल फोर्ड की हॉकी से आया और खेल ख़त्म होने के 5 मिनट पहले जैकब वेटोन ने गोल दाग़ा।