Congress legislators can go with bjp to form government
नई दिल्ली। दिल्ली के आठ में से छह कांग्रेसी विधायक पार्टी से निकलकर नया गुट बना सकते हैं। इनमें आपसी सहमति बन चुकी है और नए दल की घोषणा कभी भी हो सकती है। कांग्रेस विधायक दल में यह टूट सूबे में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ करेगी। विधायकों के बदले तेवरों की जानकारी प्रदेश नेतृत्व से लेकर कांग्रेस हाईकमान तक पहुंच चुकी है। एक हिंदी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, कांग्रेस विधायक दल से अलग होने वाले इन नेताओं में आपसी सहमति बन चुकी है और नए दल की घोषणा कभी भी हो सकती है।खबर के मुताबिक, राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को देखते हुए ये विधायक चुनावी मैदान में उतरने से बच रहे हैं। उन्हें डर है कि अगर चुनाव हुए तो उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है।
अब यहाँ सवाल ये उठने लगा है कि क्या दिल्ली में कांग्रेस का बचा खुचा आधार भी खत्म होने वाला है? खबरों की मानें तो दिल्ली में आठ में से 6 कांग्रेस विधायक पार्टी से टूटकर नया गुट बना सकते हैं और इस टूट की वजह से राज्य में नई सरकार बन सकती है। सूत्रों की मानें तो सूबे में कांग्रेस की बेहद खराब हालत को देखते हुए ये विधायक किसी भी कीमत पर चुनाव मैदान में उतरने से बचना चाहते हैं।बीते रविवार को प्रदेश कांग्रेस की एक बैठक में नए बनने वाले गुट के छह में से चार विधायक पहुंचे, दो ने आने से इन्कार कर दिया। बैठक में आप को किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं देने के प्रस्ताव का समर्थन करने की बात आई तो वहां मौजूद चार विधायकों ने इस प्रस्ताव पर हामी भरने तक से इन्कार कर दिया।
भाजपा बना सकती है सरकार
अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कांग्रेस से अलग होने वाले 6 विधायकों में से तीन मुस्लिम और तीन अन्य समुदाय के हैं। मुस्लिम विधायक भाजपा के साथ जाने से हिचकिचा रहे हैं, जबकि बाकी विधायक भाजपा के साथ जाने को तैयार हैं। इन विधायकों ने भाजपा और आम आदमी पार्टी, दोनों दलों के नेताओं से संपर्क साध रखा है। यदि भाजपा से बात बन गई तो छह विधायकों का अलग हुआ गुट एक बार फिर से टूटेगा और भाजपा के साथ शामिल होकर सरकार बनाएगा। इस बात की संभावना ज्यादा है, क्यूंकि भाजपा को चाहिए सिर्फ 3 विधायकों का समर्थन। अकाली दल को मिलाकर भाजपा के पास 29 विधायक हैं। उसे दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। 67 सदस्यीय सदन में बहुमत साबित के लिए कुल 34 विधायकों की जरूरत है।
'आप' भी सरकार बनाने की दौड़ में
कांग्रेस से अलग होने को तैयार विधायकों का गुट आप के साथ भी संपर्क साधे हुए हैं और इनके साथ भी मिलकर सरकार बनाने की योजना बना रहे हैं। यदि 'आप' को छह विधायक का साथ मिल जाता है तो बहुमत की 34 की संख्या हासिल हो जाएगी। सूत्रों से मिल रही जानकारी अनुसार अगर 'आप' दिल्ली में सरकार बनाती है तो इस बार मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल नहीं, मनीष सिसोदिया को बनाया जाएगा।
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