23 जनवरी को भारत सरकार नेता जी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित दस्तावेज़ों को जारी करेगी। इसके लिए सुभाष चंद्र बोस का परिवार दिल्ली पहुंच चुका है। बोस के परिवार के 18 सदस्य दिल्ली पहुंचे हैं। सुबह 10 बजे बोस का परिवार संसद पहुंचेगा और वहां नेता जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेगा। इसके बाद 12 बजे मध्यान्ह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता जी के परिवार के साथ मुलाकात होगी। इसके बाद नेता जी का परिवार भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार जाएगा जहां नेता जी से जुड़ी 33 फाइलें उन्हें सौंपी जाएंगी।
नई दिल्ली। 23 जनवरी को भारत सरकार नेता जी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित दस्तावेज़ों को जारी करेगी। इसके लिए सुभाष चंद्र बोस का परिवार दिल्ली पहुंच चुका है। बोस के परिवार के 18 सदस्य दिल्ली पहुंचे हैं। सुबह 10 बजे बोस का परिवार संसद पहुंचेगा और वहां नेता जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेगा। इसके बाद 12 बजे मध्यान्ह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता जी के परिवार के साथ मुलाकात होगी। इसके बाद नेता जी का परिवार भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार जाएगा जहां नेता जी से जुड़ी 33 फाइलें उन्हें सौंपी जाएंगी।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने को लेकर सियासत भी हो रही है। कांग्रेस का कहना है कि अगर मोदी सरकार को फाइलें सार्वजनिक करनी थीं तो दो साल का वक़्त क्यों लिया। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु ने कहा कि बीजेपी इस मामले पर सिर्फ सियासत कर रही है। वहीं कांग्रेस के दूसरे प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि अगर सरकार नेता जी से जुड़े दस्तावेज़ जारी कर रही है तो वह उसे उसके मूल रूप में जारी करे। बीजेपी का इस मसले पर कहना है कि नेता जी की मौत से जुड़े तथ्य लोगों के सामने आने चाहिएं और इसीलिए सुभाष चंद्र बोस से जुड़े दस्तावेज़ों को जारी किया जा रहा है। जेडीयू की ओर से पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि ऐसे नेताओं से जुड़ी चीज़ों या जानकारियों को सार्वजनिक किया जाना हितकर नहीं है।
बोस के परिजनों की सूची जिन्हें दी जाएगी फाइल