नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट-अप इंडिया अभियान की शुरुआत करते हुए जब विज्ञान भवन में संबोधन के लिए आए तो अलग ही अंदा...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट-अप इंडिया अभियान की शुरुआत करते हुए जब विज्ञान भवन में संबोधन के लिए आए तो अलग ही अंदाज़ में पहले ख़ुद की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि “आज शनिवार है सरकार का स्वभाव छुट्टी का होता है, और 6 बजने के बाद तो सवाल ही नहीं होता है। अगर कोई आपको पूछे की फर्क क्या है तो फर्क यही है।”
15 अगस्त को लाल किले से स्टार्ट-अप इंडिया स्टैंड-अप इंडिया का संकल्प याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तब लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था लेकिन आज शायद ये आज शायद ये रजिस्टर होगा की स्टार्टअप इंडिया है क्या । उन्होंने अपने भीतर आने वाले आइडियाज़ को शक्ल देने की बात कही। उन्होंने कहा कि “देश के हर इंसान के दिल में एक ख्वाब होता है, आईडिया भी होते हैं। कुछ लोगों के आइडिया हर दिन पैदा होते हैं और शाम तक खत्म हो जाते हैं और कुछ लोग उसका पीछा करते है।” प्रधानमंत्री ने ये भी ज़ोर दिया कि स्टार्ट-अप पैसे कमाने के इरादे से शुरू नहीं किया जाता बल्कि समाज में परिवर्तन लाने और जनसामान्य के लिए सुविधाओं को सामान्य बनाना स्टार्ट-अप है।
श्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट-अप इंडिया अभियान के तहत सरकार का एक्शन प्लान भी अपने भाषण के ज़रिए ही सामने रखा। जिसके मुख्य बिंदु हैं -
- - तीन साल तक स्टार्ट अप यूनिट से होने वाली आय पर टैक्स छूट
- - ऐसे उद्यमों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिये किये गये निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20 फीसदी की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स से छूट होगी।
- - यह छूट सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उद्यम पूंजीकोषों के निवेश पर भी उपलब्ध होगी।
- - स्टार्टअप में टैक्स छूट उचित बाजार मूल्य के ऊपर निवेश पर दी जाएगी। आयकर कानून के तहत कंपनी के उचित बाजार मूल्य से उपर मिलने वाले वित्तपोषण पर प्राप्तकर्ता को टैक्स देना होता है।
- - उद्यमों को तीन साल तक निरीक्षण से मुक्ति मिलेगी।
- - वित्तपोषण के लिये 10 हजार करोड़ रुपये का कोष स्थापित होगा।
- - नौ श्रम और पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिये स्व:प्रमाणन का ऐलान हुआ।
- - स्व-प्रमाणन आधारित अनुपालन व्यवस्था से स्टार्टअप पर नियामकीय बोझ कम होगा। यह व्यवस्था कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भुगतान, ठेका कर्मचारी, कर्मचारी भविष्य निधि कोष, पानी और वायु प्रदूषण कानूनों के मामले में उपलब्ध होगी।
- - देश में इनोवेटिव सोच के साथ आने वाले तकनीक आधारित उद्यमों के लिये उदार पेटेंट व्यवस्था होगी।
- - पेटेंट पंजीकरण में इन उद्यमों को पंजीकरण शुल्क में 80 फीसदी की छूट दी जायेगी।
- - इन उद्यमों को सरकारी खरीद, ठेके आदि के कई मानदंड में भी छूट मिलेगी।
- - स्टार्ट अप उद्यमों को सरकारी ठेकों में अनुभव और कारोबार सीमा के मामले में छूट दी जाएगी।
- - प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दिवाला कानून में स्टार्ट अप उद्यमों को कारोबार बंद करने के लिये सरल निर्गम विकल्प देने का प्रावधान भी किया जाएगा। इसके तहत 90 दिन की अवधि में ही स्टार्ट अप अपना कारोबार बंद कर सकेंगे।
- - वैश्विक स्तर पर पहचाने बनाने लायक स्टार्ट अप्स को चयनित कर सरकार 10 करोड़ रुपये की मदद देगी।
- - वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये 10 हजार करोड़ के डेडिकेटेड फंड की व्यवस्था होगी।
- - कोष का प्रबंधन निजी क्षेत्र के पेशेवर करेंगे जबकि जीवन बीमा निगम इस कोष में सह-निवेशक होगा।
- - स्टार्ट अप के लिये बनाए गये ऋण गारंटी कोष से बैंकिंग प्रणाली से भी स्टार्टअप के लिये उद्यम ऋण का प्रवाह होगा। इस कोष से जोखिम के बदले गारंटी उपलब्ध हो सकेगी।
- - सरकार की ओर से एक राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया जायेगा।
- - स्टार्ट अप की फीस में 80 फीसदी कम होगी। सरकारी खरीद में स्टार्ट अप को छूट मिलेगी।
- - 1 अप्रैल से स्टार्ट अप का फॉर्म मोबाइल एप्लीकेशन पर उपलब्ध होगा। साथ ही आईपीआर स्कीम भी लॉन्च की जाएगी।