Lucknow. Former IAS Arvind Kumar Sharma to be Deputy Chief Minister, Dinesh Sharma to be Chairman in Legislative Council!
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है, बीजेपी के विधान परिषद उम्मीदवार अरविंद शर्मा प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री का ओहदा संभालेंगे और सरकार में बराबर की हैसियत में रहेंगे, योगी सरकार में अहम हैसियत रखने वाले उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को विधान परिषद में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। उन्हें सभापति बनाकर उच्च सदन में सरकार के विधायी संचालन को आसान बनाया जाएगा। विधान परिषद् के सभापति रमेश यादव का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है। वहीं पार्टी नेता खुलकर तो कह नहीं पा रहे हैं क्योंकि मामला हाईकमान से जुड़ा है पर दबे-दबे शब्दों में नेताओं को आईएएस अधिकारी को डिप्टी सीएम डायरेक्ट बनाना रास नहीं आ रहा है।
- दिग्गज नेताओं के शीतयुद्ध पर क्या लगेगा विराम !
- ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेदारी से जनता के बीच क्या जाएगा मैसेज?
- पार्टी के नेता क्या पचा पाएंगे ब्यूरोक्रेट्स की कार्यशैली?
डिप्टी सीएम बनेंगे पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा!
चुनावी वर्ष में प्रवेश कर रही भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के सत्ता शीर्ष में बड़े बदलाव का खाका तैयार कर रखा है, नए साल में प्रदेश में सत्ता के चेहरे भी बदले दिखाई देंगे और सरकार के कामकाज का अंदाज भी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद निकट रहकर काम कर चुके पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा को योगी सरकार में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाकर सरकार के कामकाज को प्रभावी बनाया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अरविंद शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, इसके अलावा उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव को ध्यान में रखकर उन्हें गृह मंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण विभाग सौंपे जाएंगे। जिनसे उनकी सरकार में मौजूदगी का फायदा जमीनी स्तर पर जनता को मिल सके और सरकार की इमेज में अपेक्षित सुधार हो सके। अरविंद कुमार शर्मा के वरिष्ठ आईएएस होने की वजह से सरकारी मशीनरी को गतिशील करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को भी काम पर लगाया जा सकेगा। अब तक जो ब्यूरोक्रेट सरकार की योजनाओं में बाधा बन रहे हैं उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
दिनेश शर्मा को विधान परिषद में सभापति का पद!
योगी सरकार में तीन उपमुख्यमंत्री का फॉर्मूला लागू करने के लिए पार्टी नेतृत्व तैयार नहीं है। पार्टी का मानना है कि इससे जनता में खराब संदेश जाएगा और सत्ता केंद्र बनने के लिए संघर्ष होगा। ऐसे में अरविंद शर्मा को नंबर दो की हैसियत नहीं मिल पाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास माने जाने वाले उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के लंबे विधायी अनुभव को देखते हुए उन्हें विधान परिषद में सभापति का दायित्व सौंपने का फैसला किया गया है।
विधान परिषद में अभी तक भाजपा को बहुमत हासिल नहीं है। इस बार सभापति के रिटायर होने की वजह से नए सभापति का चुनाव होगा। दिनेश शर्मा की छवि अन्य सदस्यों के बीच अच्छी है और ऐसे में उनका सर्वसम्मति से चुनाव कराना आसान होगा। इसलिए भी उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में बीजेपी के शीर्ष नेता के शीतयुद्ध पर विराम लगाने के लिए ये हाईकमान ने ब्यूरोक्रेट्स को उत्तर प्रदेश में भेजा है, देखना ये होगा की अरविंद शर्मा पार्टी के लिए कितने फायदेमंद होंगे और चुनावी साल में जनता के बीच कितने प्रभावी होंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट खबर जोन