लखनऊ। पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद की सपा में वापसी के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें सुल्तानपुर से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया गया ...

वहीँ दूसरी तरफ अंसारी बंधुओं को भी पार्टी में लाने की कवायद भी तेज़ कर दी गयी है। आम चुनाव से पहले अल्पसंख्यक वोटों को अपने पाले में करने की कोशिश शुरू कर दी गयी है। इसी सिलसिले में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी से भी बात चल रही है। पर अंसारी बंधू अपनी पार्टी "कौमी एकता दल" का विलय सपा में करने के पक्ष में नहीं हैं, वो गठबंधन चाह रहे हैं। जबकि सपा सुप्रीमो उनकी पार्टी के विलय के पक्ष में है।
खैर बात कुछ भी हो लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान बाहुबली नेता डी.पी. यादव का विरोध करने वाले अखिलेश सिंह यादव अब क्या कहेंगे। क्यूंकि वो तो बाहुबली और अपराधी मुक़दमे वाले नेताओं को अपनी पार्टी से हमेशा दूर रखना चाहते थे।