दिल्ली की 5वीं विधानसभा में सत्र के दूसरे दिन अरविंद केजरीवाल की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। आप नेता मनीष सिसोदिया ने विश्वास मत प...

दिल्ली की 5वीं विधानसभा में सत्र के दूसरे दिन अरविंद केजरीवाल की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। आप नेता मनीष सिसोदिया ने विश्वास मत पेश किया जिस पर दिन भर बहस हुई और आख़िर में आप के समर्थन में 37 वोट पड़े और 32 वोट खिलाफ़ में पड़े और इसी के साथ 6 महीनों के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार सुरक्षित हो गई।
अरविंद केजरीवाल ने आख़िर में जब बोलना शुरू किया तो संसदीय परंपराओं के मुताबिक उम्मीद यही थी कि अरविंद केजरीवाल सदन में उठे सभी सवालों का जवाब देंगे, लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और अपनी तरफ़ से 17 मुद्दे गिनाते हुए सदन को साथ काम करने की अपील की।
उन्होंने विश्वास मत पास करने की बात कही लेकिन उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि हम किसी का समर्थन मांगने के लिए नहीं आए हैं हम बस ये सवाल करने आए हैं कि आम आदमी पार्टी के सरोकारों के साथ कौन-कौन विधायक हैं। वो विधायक जो इन 17 मुद्दों पर दिल्ली की जनता के लिए काम करना चाहते हैं वो हमारा साथ देंगे।
इस दौरान उन्होंने बिजली के मुद्दे पर कहा कि 50% छूट देनी है, 30% ये सदन मिल बैठकर तय कर सकता है। वहीं पानी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भले ही 2 लाख लोगों को ही राहत मिली है लेकिन राहत तो मिली ही है।
इससे पहले दिल्ली के शिक्षा और शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वासमत पेश करते हुए कहा कि दिल्ली का विकास आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है और सरकार में बने रहने के लिए आम आदमी पार्टी इसके साथ कोई समझौता नहीं करेगी। सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, हम जनता के प्रतिनिधि हैं और दिल्ली के विकास के लिए यहां आए हैं।
अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए दोहराया कि वो सरकार कब तक चलेगी इसे लेकर डर में नहीं है।