Binny wants Loksabha ticket: Kejriwal
नयी दिल्ली। इसबार आम आदमी पार्टी के रूख को देख कर ऐसा लग रहा है कि अब पार्टी बिन्नी को मनाने के मूड में नहीं है। क्यूंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि "विनोद कुमार बिन्नी मेरे पास पहले मंत्री पद के लिए आए थे, हमने मना कर दिया। उसके बाद फिर वो बोले कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगा, लेकिन पार्टी ने फैसला किया है कि सिटिंग एमएलए को टिकट नहीं देंगे। मंगलवार शाम को सारी कैंडिडेट्स की मीटिंग हुई थी। वहां भी बिन्नी ने कोई आवाज नहीं उठाई। अगर मुद्दे थे, तो बोलना चाहिए था। सारे 70 के 70 मौजूद थे, वहां एक लाइन नहीं बोली। अगर वह मुद्दे उठा रहे हैं, तो जरूर सुलझाएंगे।"
आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल का रूख तो अब यही बता रहा है कि इसबार बिन्नी अकेले पड़ गए हैं और उनका ब्लैकमेलिंग वाला दाव काम नहीं आने वाला है। क्यूंकि पार्टी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार माना जा रहा है कि अब बिन्नी को कोइ मनाने नहीं जाने वाला है। इससे पहले बिन्नी ने कहा कि जो मुद्दे हमने जनता के बीच कहे थे और आज के परिदृश्य में काफी अंतर आ गया है। मेरी नाराजगी पहले दिन भी वही थी, जो आज है। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री न बनने का कोई मलाल नहीं है। लेकिन जिन मुद्दों पर पार्टी बनी थी उससे वो भटक रही है। मेरी पार्टी से नहीं, सरकार से नाराजगी है। सरकार अपने मुद्दों से भटक रही है। ये मामला मनाने और रुठने का नहीं है। अगर वायदों से भटकते हैं तो जनता के साथ छल हो रहा है। इसके लिए अगर होगा तो भूख हड़ताल करेंगे। बिन्नी और 'आप' दोनों में से कोइ भी इस बार पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 'आप' का ऊंट किस करवट बैठता है।