नई दिल्ली। जनलोकपाल को लेकर दिल्ली में जंग जारी है और इस बीच में दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया है कि उन्होंने सीए...
नई दिल्ली। जनलोकपाल को लेकर दिल्ली में जंग जारी है और इस बीच में दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया है कि उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल के शुक्रवार के ख़त का जवाब दिया है। एलजी के ख़त में सीएम अरविंद केजरीवाल को बताया है कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए वो भी उतनी ही फिक्र करते हैं जितना की सीएम केजरीवाल लेकिन इसके लिए ज़रूरी है संविधान में दी गई प्रक्रिया का पालन किया जाये।
सॉलिसिटर जनरल से राय लेने के मुद्दे पर एलजी ने केजरीवाल को जवाब दिया है कि उन्होंने जनलोकपाल बिल के ड्राफ़्ट पर कोई राय नहीं ली क्योंकि उन्हें अब तक राज्य सरकार से जनलोकपाल बिल का ड्राफ़्ट हासिल नहीं हुआ है। उन्होंने बताया है कि 31 जनवरी 2014 को सीएम ने एलजी को चिट्ठी लिखकर बताया था कि वो जनलोकपाल बिल सदन में पेश करनेवाले लिहाज़ा उन्होंने सलिसिटर जनरल से बिल के विधानसभा में पेश किये जाने की संवैधानिक वैधता पर राय ली। उप राज्यपाल नजीब जंग ने अपने ख़त में ये भी बताया है कि Transaction of Business of the Government of NCT of Delhi Rules, 1993, के नियम 34 के तहत ऐसे बिल को मंत्रियों की समिति के सामने रखने से पहले एलजी के सामने रखा जाना चाहिए जो नहीं किया गया।
एलजी ने ये भी साफ़ किया है कि दिल्ली की कैबिनेट इन नियमों को माने या न माने लेकिन ये तब तक हैं जब तक इन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीमोकोर्ट में चुनौती नहीं दी जाती। Government of NCT of Delhi Act, 1991 की धारा 22(3) के तहत भी सरकार के प्रस्तावित बिल को विधानसभा से पास नहीं किया जा सकता जब तक कि एलजी उस बिल को विधानसभा में पेश करने की अनुमति नहीं देते।
उन्होंने ये भी साफ किया कि जब केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्त क़ानून, 2013 पास कर दिया है और उसके कई सारे प्रावधान दिल्ली सरकार के जनलोकपाल बिल से टकराते हैं, तो जनलोकपाल बिल को एलजी के सामने पेश करना चाहिए ताकि उस पर राष्ट्रपति की राय ली जा सके।
उपराज्यपाल ने सीएम को लिखी चिट्ठी में ये भी ज़ाहिर किया है कि वित्त विभाग, क़ानून विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग ने दिल्ली सरकार को लिखा था कि इस बिल में राजधानी के फंड से खर्च भी शामिल है लिहाज़ा इस पर एलजी की संस्तुति ज़रूरी है, लेकिन मंत्रियों की समिति ने इन टिप्पणियों को नकार दिया।
इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में विधान सभा का विशेष सत्र बुलाये जाने के मसले पर एलजी ने कहा है कि दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया है कि वो ऐसी सभा में आनेवाले लोगों की मंशा को नहीं जान सकते और जिस तरह से जनता दरबार में भारी भीड़ को संभाला नहीं जा सका था, यहां भी ये मुश्किल होगा। इसलिये क़ानून व्यवस्था को देखते हुए एलजी ने सीएम से अनुरोध किया है कि वो अपने इस फ़ैसले पर दोबारा सोचें।
आखिर में एलजी ने सीएम को ये भी बताया है कि जबकि अरविंद केजरीवाल तमाम नियमों के बावजूद अपनी बात पर अड़े हैं और कहते हैं कि उन्होंने इस पर क़ानूनविदों से राय ली है तो इस मसले पर संवैधानिक स्थिति को साफ करने के लिए उन्होंने मामले को क़ानून और न्याय मंत्रालय को लिखा है।
राजभवन से जारी प्रेस रिलीज़-
राजभवन से जारी प्रेस रिलीज़-
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज लाइक करें