तरुण तेजपाल के सेक्स स्कैंडल में फंसने के बाद अब ये भी तय किया जाने लगा है कि आख़िर तहलका डॉट कॉम है किसका ? शुरुआती जांच में पता चला ...
तरुण तेजपाल के सेक्स स्कैंडल में फंसने के बाद अब ये भी तय किया
जाने लगा है कि आख़िर तहलका डॉट कॉम है किसका? शुरुआती
जांच में पता चला है कि दस्तावेज़ों के मुताबिक़ तहलका डॉट कॉम प्राइवेट लिमिटेड
में बफैलो नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड की बड़ी हिस्सेदारी है। हालांकि कम्पनी
रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड में बफैलो को साथी कम्पनी के तौर पर दिखाया गया है।
कम्पनी रजिस्ट्रार के दस्तावेज़ तस्दीक करते हैं कि कि 10,300
इक्वेटी शेयर्स में से तरुण तेजपाल के पास सिर्फ 200 शेयर्स हैं, अल केमिस्ट के
केडी सिंह के पास 100 शेयर्स हैं और बाकी के 10000 शेयर्स बफैलो नेटवर्क्स
प्राइवेट लिमिटेड के पास हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में तेहलका की महज़ साथी कम्पनी ही
है।
बफैलो का जो पता कम्पनी रजिस्ट्रार में दिया गया है वो है सी-1, सौमी
नगर, नई दिल्ली-17, लेकिन जब इस पते के बारे में एक टीवी चैनल ने पता लगाने की
कोशिश की तो वहां रहनेवाले लोगों ने बताया कि उस पते पर ऐसी कोई कम्पनी नहीं है।
यहां तक कि उस पूरी बिल्डिंग में किसी को बफैलो के बारे में ज़रा सी भी जानकारी
नहीं है। थोड़ी और पड़ताल के बाद पता चला कि साल 2007 में ये प्लॉट एक बिल्डर को
बेच दिया गया जिसने यहां अपार्टमेंट्स बना दिये। हालांकि ये बात पता चली कि तरुण
तेजपाल ने यहीं के पते पर बंदूक का लाइसेंस भी लिया है जिसके बावत दक्षिणी दिल्ली
के एसीपी लाइसेंसिंग की ओर से दो साल पहले यहां के मालिक को एक पत्र मिला था
जिसमें उससे बंदूक का लाइसेंस रिन्यू करने के लिए कहा गया था।
वैसे तहलका डॉट कॉम का अधिकृत शेयर कैपिटल 25 लाख रुपये है जबकि देय
शेयर कैपिटल है 1 लाख 3 हज़ार रुपये। तहलका के बोर्ड में तरुण तेजपाल और उनके भाई
मिंटी तेजपाल डायरेक्टर हैं।
लेकिन बफैलो नाम की कम्पनी के तहलका का साथी कम्पनी होने के बाद
फर्ज़ीवाड़े की बू आने लगी है। जानकारों का मानना है कि साथी कम्पनी का मतलब होता
है वो कंपनी जिसके साथ पिछले दो सालों में किसी तरह की लेन-देन नहीं की गई और
जिसका ब्यौरा सरकार को न दिया जाये। सवाल ये है कि एक साथी कम्पनी बड़ी शेयर होल्डर
कैसे हो सकती है वो भी वो कम्पनी जिसके मालिकों का कोई अता-पता नहीं?
सवाल ये भी है कि जब ये साफ़ ही नहीं है कि तहलका और बफैलो में बोर्ड
के सदस्य कौन हैं तो वार्षिक बैठक कैसे होती थी? यहां ये
जान लेना ज़रुरी है कि जब एक कम्पनी साथी कम्पनी के तौर पर घोषित हो जाती है तो
उसके दस्तावेज़ सार्वजनिक नहीं होते।