अमेरिका में डिप्लोमैट देवयानी मामले पर भारत को मिली कूटनीतिक सफलता के बाद भारत को अन्तरराष्ट्रीय मंच पर एक और बड़ी सफलता मिली है। पश्चिम अ...
अमेरिका में डिप्लोमैट देवयानी मामले पर भारत को मिली कूटनीतिक सफलता के बाद भारत को अन्तरराष्ट्रीय मंच पर एक और बड़ी सफलता मिली है। पश्चिम अफ्रीकी देश टोगो में जेल में बंद कैप्टन जेम्स और उनके सहयोगी कैप्टन विजयन को रिहा कराने में भारत को सफलता हाथ लगी है।
आपको बता दें कि कैप्टन जेम्स अपने कारोबारी जहाज़ एमटी ओशियन के क्रू का हिस्सा था। जुलाई में टोगो में वो समुद्री लुटेरों की शिकायत करने के लिए रुके थे। लेकिन टोगो प्रशासन ने उन्हें सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया..। उनपर लुटेरों के सहयोग का आरोप लगाया गया।
बेटे की मौत
कैप्टन जेम्स पर तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा था। 2 दिसंबर को मुंबई में उनके 11 महीने के बेटे विवान की मौत हो गई। ज़ाहिर है उनकी रिहाई के लिए लड़ाई लड़ रहे परिवार के लिए भी ये बड़ा झटका था। लेकिन परिवार ने हार नहीं मानी प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्हें आश्वासन मिला कि सरकार इस मामले पर कूटनीतिक कदम उठाएगी।
रिहाई पर संशय
हालांकि अब तक ये साफ नहीं है कि कैप्टन जेम्स के खिलाफ आरोप वापस ले लिए गए हैं या उन्हें बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रिहाई मिली है। अपने ट्वीट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने बताया कि मसला अभी खत्म नहीं हुआ है..और जेम्स की रिहाई भारत के लिए आसान नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि टोगो में भारत का कोई दूतावास नहीं है। उन्होंने ये भी साफ किया है कि जेम्स को वापस नहीं भेजा जाएगा..।
आपको बता दें कि कैप्टन जेम्स अपने कारोबारी जहाज़ एमटी ओशियन के क्रू का हिस्सा था। जुलाई में टोगो में वो समुद्री लुटेरों की शिकायत करने के लिए रुके थे। लेकिन टोगो प्रशासन ने उन्हें सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया..। उनपर लुटेरों के सहयोग का आरोप लगाया गया।
बेटे की मौत
कैप्टन जेम्स पर तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा था। 2 दिसंबर को मुंबई में उनके 11 महीने के बेटे विवान की मौत हो गई। ज़ाहिर है उनकी रिहाई के लिए लड़ाई लड़ रहे परिवार के लिए भी ये बड़ा झटका था। लेकिन परिवार ने हार नहीं मानी प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्हें आश्वासन मिला कि सरकार इस मामले पर कूटनीतिक कदम उठाएगी।
रिहाई पर संशय
हालांकि अब तक ये साफ नहीं है कि कैप्टन जेम्स के खिलाफ आरोप वापस ले लिए गए हैं या उन्हें बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रिहाई मिली है। अपने ट्वीट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने बताया कि मसला अभी खत्म नहीं हुआ है..और जेम्स की रिहाई भारत के लिए आसान नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि टोगो में भारत का कोई दूतावास नहीं है। उन्होंने ये भी साफ किया है कि जेम्स को वापस नहीं भेजा जाएगा..।