सरकार ने विवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल का मसौदा तैयार कर लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की आज दिल्ली में हुई बैठक में इस बिल के मसौद...
सरकार ने विवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल का मसौदा तैयार कर लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की आज दिल्ली में हुई बैठक में इस बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बैठक के बाद संकेत दिए कि ये बिल संसद में मंगलवार को ही पेश किया जा सकता है।
सुशील कुमार शिंदे: केंद्रीय गृहमंत्री |
क्या मचेगा बवाल?
एक ओर बीजेपी लोकपाल बिल पर सरकार के साथ दिखाई दे रही है, बीजेपी ने यहा तक कहा है कि वो शोर-शराबे के बीच भी लोकपाल बिल को संसद में पास करवाएगी। वहीं दूसरी ओर यूपीए सरकार मंगलवार को ही विवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल संसद में रखने का मन बना रही है। गौरतलब है कि इस बिल पर बीजेपी के तीखे विरोध के बाद पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर विरोध दर्ज करवाया था।
एक ओर बीजेपी लोकपाल बिल पर सरकार के साथ दिखाई दे रही है, बीजेपी ने यहा तक कहा है कि वो शोर-शराबे के बीच भी लोकपाल बिल को संसद में पास करवाएगी। वहीं दूसरी ओर यूपीए सरकार मंगलवार को ही विवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल संसद में रखने का मन बना रही है। गौरतलब है कि इस बिल पर बीजेपी के तीखे विरोध के बाद पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर विरोध दर्ज करवाया था।
क्या है विरोध!
सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल को खतरनाक बताते हुए नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में लिखा कि सांप्रदायिक हिंसा बिल से समाज बंटेगा। मोदी ने संसद में सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल लाए जाने के समय पर भी सवाल उठाया। उन्होंने बिल के मसौदे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। मोदी ने लिखा कि ये बिल असल मकसद के लिए नहीं वोटबैंक की राजनीति का हिस्सा है। मोदी ने लिखा कि केंद्र ऐसे कानून बनाने में व्यस्त है जो राज्य सरकारों का मामला है। अगर ये कानून लागू हुआ तो समाज बंट जाएगा और हिंसा बढ़ जाएगी। इसका समाज में उल्टा ही असर होगा।
शिवसेना का भी साथ
उधर, बिल को लेकर शिवसेना ने भी मोदी का समर्थन किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने जो मुद्दे इस बिल पर रखे हैं, उसको शिवसेना का समर्थन है। अब देखना होगा कि बहुसंख्यकों को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराने की बात को संशोधित करने पर राजी हुई सरकार के नए मसौदे में अब कौन सी वो बात हो सकती है जो बवाल खड़ा करेगी।