दिल्ली। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव इतिहास बना रहा है। क्यूंकि इसबार वो आम आदमी जिसे चुनाव से कोई मतलब नहीं था वो घर से बाहर आ क...
दिल्ली। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव इतिहास बना रहा है। क्यूंकि इसबार वो आम आदमी जिसे चुनाव से कोई मतलब नहीं था वो घर से बाहर आ कर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहा है। अगर ऐसा कहा जाए कि इसका पूरा श्रेय "आम आदमी पार्टी" को जाता है तो ये अतिसंयोक्ति नहीं होगी। सरकार के खिलाफ जो गुस्सा था उसे अपने मतों में बदल के सत्ताधारी पार्टी को इकाई आंकड़े पर ला कर खड़ा कर दिया। पर इस बार यहाँ एक नयी बात हुई है। दिल्ली कि जनता ने किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है लेकिन 32 सीट ले कर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और आप 28 सीट लेकर दूसरे नंबर पर है। भाजपा बहुमत से मात्र 4 सीट पीछे है और सबों को लगता था कि भाजपा सरकार बनाने के लिए तोड़ जोड़ कर लेगी। एक तरफ आप ने किसी से समर्थन न लेने और न किसी को देने का ऐलान कर दिया। फिर तो सभी कि नज़रें भाजपा पर टीक गयी। पर भाजपा ने बिना बहुमत के सरकार न बनाने का ऐलान कर सबों को चौंका दिया।
अब यहाँ सोचने वाली बात ये है कि मात्र चार सीट के लिए भाजपा सरकार बनाने से पीछे रह सकती है क्या? असल में ये बात किसी के भी समझ से परे है। आज अपने आप को जोड़-तोड़ की राजनीति से खुद को दूर कहने वाली भाजपा के कल्याण सिंह सरकार ने उत्तर प्रदेश में क्या किया था। देश के इतिहास का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल बना कर अपनी सरकार बचाई थी। उस वक़्त इनको समर्थन दे रहे कुल विधायक का 45% मंत्री बने बैठे थे। साथ ही कई मंत्रियों के ऊपर दर्ज़नो अपराधिक मुक़दमे भी चल रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे कल्याण सिंह ने लाल बत्ती बाँट कर सरकार बचाई है। लेकिन कल्याण सिंह का मानना था कि उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। इसलिए सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाये रखने के लिए ऐसा मंत्रिमंडल ज्यादा बड़ा नहीं है।
वहीँ दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में जब भाजपा जादुई आंकड़ों को नहीं छू पा रही थी, तब भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे सुखराम की पार्टी से समर्थन ले कर सरकार बनाई गयी थी। लेकिन अब दिल्ली में क्या हो गया है, क्यूँ भाजपा दूसरे दलों के विधायकों को संपर्क करने से डर रही है। यहाँ बस एक ही जवाब मिलता है कि भाजपा आम आदमी पार्टी से डरी हुई है। इसे डर है कि आप वाले इनपर गिद्ध वाली नज़र डाले बैठे हैं। इसलिए कही इनके सत्ता की लालच इन्हे सदा के लिए जनता की नज़रों से न गिरा दे। शायद यहाँ आप नाम की कोई पार्टी अगर नहीं होती तो अब तक भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश भी कर चुकी होती। आज जनता आम आदमी पार्टी को राजनीति को नयी दिशा देने के लिए सहृदय धन्यवाद दे रही है।