आज रालेगण में अन्ना अनशन के दौरान पूर्व सेनाध्यक्ष वी के सिंह और "आप" नेता गोपाल राय में ज़बरदस्त तू तू मैं मैं हुई। अन्ना...
आज रालेगण में अन्ना अनशन के दौरान पूर्व सेनाध्यक्ष वी के सिंह और "आप" नेता गोपाल राय में ज़बरदस्त तू तू मैं मैं हुई। अन्ना के मंच से भाषण देते हुए वी के सिंह "आप" पार्टी को जैसे ही कोसना शुरू किया तो गोपाल राय ने इसपर ऐतराज जताया। असल में वी के सिंह ने मंच से जब कहा कि "जबतक देश से करप्शन नही जाएगा तब तक इस देश का विकास नहीं हो सकता। इसलिए ज़रूरत है कि हमसब एकसाथ आगे चलें, न कि अलग-अलग गुट बनाकर, अलग-अलग दल बनाकर अपना फायदा उठाये। अन्ना आंदोलन में भी कुछ ऐसे लोग शामिल थे जिन्हे ये ग़लतफ़हमी थी कि उन्होंने ही सबकुछ किया है और वो आंदोलन को धीरे धीरे काट रहे थे।"
बस क्या था इतना सुनते ही गोपाल राय भड़क गए और उन्होंने इस बयान पर ऐतराज़ जता दिया। दोनों के बीच की कहासुनी इतनी बढ़ गयी कि अन्ना को बीच बचाव करने आना पड़ा। अन्ना ने भी गोपाल राय को चुप कराते हुए बड़े कड़े लहजे में कहा कि "आपको जब हमने मना किया था तो आप आए ही क्यूँ। अगर आपको हल्ला गुल्ला करना है तो फिर आप इस गाँव के बाहर जाओ।" इतना सुनते ही गोपाल राय ने अन्ना को इशारे से कहा कि मैं आपका आदेश मानते हुए बिलकुल चुप हो रहा हूँ। तब जा कर कही ये मामला शांत हुआ।
अब ऐसा लग रहा है जैसे अन्ना और आप के बीच का खेल लगातार उलझता ही जा रहा है। लेकिन ज़रा अन्ना के पुराने आंदोलन को याद करें तो पाएंगे कि जब अरविन्द केजरीवाल ने जंतर मंतर पर पार्टी का ऐलान किया था उस वक़्त सब मंच पर मौजूद थे। साथ ही यही वी के सिंह थे जिन्होंने अरविन्द केजरीवाल को बधाई देते हुए नारा लगाया था कि "सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।" अब अचानक वी के सिंह को इनलोगों के पार्टी बनाने के फैसले पर आपत्ति होने लगी है और इन्हें ये लोग फायदा उठाने वाले नज़र आने लगे। वैसे पहले भी वी के सिंह पर भाजपा के करीबी होने का आरोप लगातार लगता रहा है।