नई दिल्ली। एक तरफ आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने लाल बत्ती का इस्तेमाल न करने की शपथ लेकर दिल्ली में कमाल कर दिया और दूसरी तरफ़ सुप्र...
नई दिल्ली। एक तरफ आम आदमी पार्टी के
प्रत्याशियों ने लाल बत्ती का इस्तेमाल न करने की शपथ लेकर दिल्ली में कमाल कर
दिया और दूसरी तरफ़ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े लहज़े में हिदायत
दी है कि लाल बत्ती गाड़ी में वही घूमेगा जो संवैधानिक पद पर बैठा हो।
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ
संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को लाल बत्ती मिलेगी, इसके अलावा पुलिस, एंबुलेंस और अन्य आपात सेवा को भी नीली
बत्ती का इस्तेमाल करना होगा। और इस आदेश को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने समय
सीमा भी बांध दी है। तीन महीने में केंद्र और सभी राज्य सरकारों को इस आदेश की
तालीम करनी है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को साफ़ तौर पर
ताक़ीद की है कि वो अपनी मर्ज़ी से लाल बत्ती इस्तेमाल करनेवालों की लिस्ट नहीं
बढ़ा सकती और अगर लाल बत्ती को लेकर किसी भी राज्य सरकार ने कोई फ़ैसला लिया है तो
उसे भी कोर्ट को 3 महीने के भीतर बताना होगा।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि
सिर्फ़ आपात सेवाओं में ही सायरन का इस्तेमाल होगा और उसकी आवाज़ ऐसी होनी चाहिए
जिससे लोगों को परेशानी न हो।