नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं और यूपीए सरकार विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद अब लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश में लगी ...
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं और यूपीए सरकार विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद अब लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश में लगी है। इसी के तहत यूपीए सरकार सब्सिडी घरेलू गैस सिलिंडरों की संख्या बढ़ा सकती है।
हर परिवार को हो सकता है सालाना अब 12 सब्सिडी वाले सिलिंडर मिलें, जो अब तक केंद्र सरकार की तरफ़ से सिर्फ 9 है और कुछ राज्य सरकारों ने अपनी तरफ़ से सिलिंडरों की संख्या बढ़ा रखी है। कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्रियों की हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में महंगाई को लेकर वोटबैंक में कटौती होने की आशंका जताई गई थी, जिसको देखते हुए यूपीए सरकार ये क़दम उठा सकती है और इसका सियासी असर भी लोकसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है।
पिछले साल यूपीए सरकार ने तेल की क़ीमतें बढ़ने के साथ, सब्सिडीवाले एलपीजी सिलिंडरों की संख्या को सालाना 6 कर दिया था, जिसे बाद में सालाना 9 तक कर दिया गया था। अब इसे 12 सिलिंडरों तक किये जाने की संभावना है।
विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हार की वजहों में एक बड़ी वजह महंगाई को भी करार दिया था। और ये मुद्दा मुख्य रूप से पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ शुक्रवार को हुई कांग्रेस मुख्यमंत्रियों की बैठक में उठा, जिसमें कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री और AICC के वरिष्ठ नेता भी शामिल रहे। बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री चाहते थे कि गैस पर लगी सीमा को हटा लिया जाए।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने इसके सियासी मायने समझे हैं और आनेवाले दिनों में यूपीए सरकार इस पर फ़ैसला ले सकती है।