India has by far the largest population of illiterate adults — 287 million or 37 per cent of the global total, said a report released on Wednesday.
नई दिल्ली। बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में सबसे ज़्यादा अनपढ़ वयस्क भारत में रहते हैं और इन अनपढ़ वयस्कों की आबादी करीब 29 करोड़ है जो दुनिया के अनपढ़ वयस्कों की कुल तादाद का 37% है।
यूनेस्कों की "EFA Global Monitoring Report, 2013-14: Teaching and Learning: Achieving quality for All" रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के 10 देशों (जिसमें भारत भी शामिल है) में 55.7 करोड़ अनपढ़ वयस्क रहते हैं जो दुनिया के सभी अनपढ़ वयस्कों का 72% है।
रिपोर्ट के मुताबिक “भारत में 1991 के मुकाबले 2006 में साक्षरता दर 48% से बढ़कर 63% पहुंची है, लेकिन जिस तरह से जनसंख्या बढ़ी उससे साक्षरता विकास दर कम पड़ गई। इसलिए अनपढ़ वयस्कों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ।”
नई दिल्ली यूनेस्को के डायरेक्टर शिगरू ओयागी शिक्षा की गुणवत्ता पर ज़ोर देते हुए कहते हैं कि भारत अच्छी शिक्षा को लेकर चुनौती महसूस कर रहा है। उनका कहना है कि “हालांकि शिक्षा के अधिकार क़ानून की वजह से हमारे यहां 99% बच्चे स्कूल में है, फिर भी शिक्षा की गुणवत्ता सबसे बड़ी चुनौती है जिस पर आगे ध्यान देने की ज़रुरत है।”
रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षकों को बिना प्रशिक्षण दिये सुधार लाना पीढ़ियों तक मुमकिन नहीं होगा और ये सबसे हानिकारक होगा।
इस रिपोर्ट को लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि किताबों में शिक्षा सामग्री को बदलना ज़रुरी है, जिससे हम आनेवाली पीढ़ियों को सामाजिक मुद्दों के बारे में ज़्यादा जानकार बना सकें।
सिसोदिया ने कहा कि, “देश IIM और IAS से नहीं बदलेगा। ये सिर्फ क्लासरूम से बदलेगा। शिक्षा पर अच्छी-ख़ासी रकम खर्च करने और इसकी प्राथमिकता तय किये बिना ऐसा करने के लिए कोई विकल्प नहीं है।”