नई दिल्ली। बीजेपी ने केंद्र सरकार से अख़बारों में छपी उस रिपोर्ट को लेकर जांच करने के लिए कहा है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के आतंकी...
नई दिल्ली। बीजेपी ने केंद्र सरकार से अख़बारों में छपी उस रिपोर्ट को लेकर जांच करने के लिए कहा है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने मुज़फ़्फ़रनगर के दंगा पीड़ितों से मुलाक़ात की और उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करने की कोशिश की।
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, “ये दिखाता है कि लश्कर, सिमी और पाकिस्तान के दूसरे आतंकी संगठनों का नेटवर्क किस तरह से उत्तर प्रदेश में काम कर रहा है।”
इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने ख़बर छापी है कि लश्कर ने मुज़फ़्फ़रनगर में दंगा पीड़ितों को आतंकी संगठनों में भर्ती करने के लिए संपर्क किया था। जावड़ेकर इसी ख़बर पर बोल रहे थे।
अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के दो इमाम इसी सिलसिले में गिरफ़्तार किये गये हैं और एक दूसरे ने तो मुज़फ्फ़रनगर का दौरा किया था और वहां दंगा पीड़ितों से मिलकर उन्हें पैसे भी देने की कोशिश की थी। जिन लोगों को आतंकियों पैसे देने की पेशकश की थी उनमें से कुछ ने मना कर दिया और मामले के बारे में दिल्ली की स्पेशल सेल को बताया।
अख़बार के मुताबिक जिन पीड़ितों ने स्पेशल सेल को जानकारी दी उनके बयान सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हुए। इनकी निशानदेही पर ही पुलिस ने हरियाणा के मेवात से दो इमाम, हाफिज़ रशीदी और शाहिद को गिरफ़्तार किया। माना जा रहा है कि आरोपियों ने जांच अधिकारियों को बताया है कि उन्होंने लश्कर के एक वरिष्ठ आतंकी के साथ मुज़फ्फरनगर का दौरा कई बार किया। हालांकि वो आतंकी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
अखबार कहता है कि, “उन्होंने पहले पीडितों को ये कहकर भड़काने की कोशिश की कि वो अपने मज़हब के प्रति वफ़ादार रहे और लश्कर के साथ अच्छा काम करने के लिए हाथ मिला लें। उन्होंने पीड़ित परिवारों को एक अच्छी ज़िंदगी और पैसे देने का वादा किया लेकिन पीड़ितों ने लेने से इनकार कर दिया और पुलिस में शिकायत कर दी।”
रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ितों ने दावा किया है कि लश्कर के आदमी ने आस-पास के दूसरे कैंपों में भी लोगों से मुलाक़ात की लेकिन सबने उसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और वे अदालत में बयान देने को तैयार हैं।
दावा किया जा रहा है कि स्पेशल सेल ने दोनों इमाम को मेवात के छोटी मेवली में उनके घर से गिरफ़्तार किया, इन पर आरोप है कि ये लश्कर के साथ मिलकर दिल्ली पर हमले की साज़िश रच रहे थे।
पिछले साल अक्टूबर में राहुल गांधी ने एक रैली के दौरान कहा था कि उन्हें आईबी के अफ़सरों ने बताया है कि मुज़फ़्फ़रनगर में पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी के जासूस युवाओं को बरगलाने की कोशिश में लगे हैं।