death of homeless people due to cold
नई दिल्ली। ऐसा लग रहा है कि केजरीवाल सरकार चारो तरफ से घिरती नज़र आ रही है। एक मामले से बाहर निकलती है कि दूसरा मामला इनके सिर चढ़ा जाता है। अभी सोमनाथ और धरना मामले से निबट भी नहीं पायी थे कि एक और रिपोर्ट ने इनकी नींद उदा दी है। पिछले 24 दिनों के दौरान राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से 181 लोगों की लाशें बरामद हुई हैं और बताया ये भी जा रहा है कि इन सबों की मौत ठंढ के कारण हुई है। खास बात ये है कि मारे गए सभी लोग बेघर और लावारिस थे और सड़कों पर ही रात बिताते थे। बेघर लोगों के लिए रैन बसेरा बनाने और उनकी सारी समस्याएं दूर करने के दिल्ली सरकार के दावों के ये आंकड़े पलीता लगा रहे हैं। गौरतलब हो कि दिल्ली सरकार को इन मौतों की खबर तक नहीं।
ठंड से दो की मौत, NHRC का दिल्ली सरकार को नोटिस
ठंड से दो की मौत, NHRC का दिल्ली सरकार को नोटिस
दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। 1 जनवरी से अब तक यहां 181 लोगों की मौत हो चुकी है। यानी 24 दिनों में 181 लोगों की मौत। सभी 181 लोग सड़क के किनारे रहने वाले लोग हैं। लेकिन इनकी लाशों को लावारिश घोषित कर इनकी मौत को असली वजह को छुपा लिया जाता है। जनवरी से पहले के भी आंकड़े को देखें, तो मरने वालों की तादाद अचंभे में डाल सकती है। आंकड़ों के मुताबिक 1 सितंबर 2013 से अब तक 1113 लोगों की मौत हो चुकी है। सभी मृतक बेघर थे और सड़कों के किनारे रहते थे।
ठंड की वजह से बेघरों की मौत के ये आंकड़े गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले एक एनजीओ के हैं। एसएएस बीकेएस नाम के एनजीओ ने जोनल इंटिग्रेटेड पुलिस नेटवर्क की मदद से ये आंकड़े जुटाए हैं। एनजीओ के आंकड़ों के मुताबिक 1 जनवरी से 24 जनवरी तक मध्य दिल्ली से- 15, रेलवे लाइन के आसपास- 40, पूर्वी जिले से- 14, नई दिल्ली से- 10, उत्तरी दिल्ली से- 35, उत्तर पूर्वी दिल्ली से- 08, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से- 07, बाहरी दिल्ली से- 12, दक्षिणी दिल्ली से- 04, दक्षिणी पूर्वी दिल्ली से- 14, दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली से- 04 और पश्चिमी दिल्ली से- 11 शव बरामद किए गए हैं।
भाजपाई ले उड़े रैन बसेरा बनाने वाली सीट
भाजपाई ले उड़े रैन बसेरा बनाने वाली सीट
जब शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया को बताया गया कि दिल्ली में जनवरी महीने के 24 दिनों में ही 181 लोगों की लाशें सड़कों या फुटपाथ से मिली हैं तो उनके होश उड़ गए। वैसे अखिलेश सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी चाहे तो कह सकती है कि मेडिकल की भाषा में ठंड लगने से किसी की मौत नहीं होती। लेकिन अगर ये सरकार खुद को आम आदमी की हितैषी बताती है तो इसे अपने चाल-चलन से ये साबित भी करना होगा। अब दिल्ली सरकार को ये साबित करना होगा कि वो सचमुच आम आदमी की हितैषी है।
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज लाइक करें