भोपाल। कयास लगाया जा रहा था कि 17 जनवरी को राहुल गांधी के पीएम कैंडिडेट होने की घोषणा कांग्रेस की ओर से कर दी जाएगी लेकिन दिग्विजय सिं...
भोपाल। कयास लगाया जा रहा था कि 17 जनवरी को राहुल गांधी के पीएम कैंडिडेट होने की घोषणा कांग्रेस की ओर से कर दी जाएगी लेकिन दिग्विजय सिंह ने संकेत दिया है कि चुनाव से पहले शायद राहुल गांधी के नाम की घोषणा न हो। हालांकि दिग्विजय अक्सर बाकी कांग्रेसियों से अलग राय मीडिया में पेश करते रहे हैं।
पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह भोपाल में संवाददाताओं से बात कर रहे थे, इसी दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस को चुनावों से पहले अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए। एक तरह से उन्होंने ये संकेत देने की कोशिश की है कि पार्टी को राहुल गांधी का नाम चुनावों से पहले सामने नहीं करना चाहिए।
अभी मंगलवार को ही राहुल गांधी के घर पर प्रियंका वाड्रा की मौजूदगी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई थी जिसमें लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाने से लेकर 17 जनवरी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक की रूपरेखा तय की गई। माना जा रहा है कि इस बैठक में राहुल की ताजपोशी को लेकर भी चर्चा हुई और राहुल के नाम का ऐलान करने के लिए 17 जनवरी की तारीख को मुफ़ीद माना गया। लेकिन दिग्विजय सिंह के इस बयान ने नई सियासी खलबली मचा दी है।
वैसे दिग्विजय सिंह ख़ुद काफ़ी समय से राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में दिखते रहे हैं और इसको लेकर बयान देते रहे हैं लेकिन इस बार उन्होंने देश के सियासी समीकरण को देखते हुए एक तरह से कांग्रेस को फूंक-फूंककर चलने का संकेत दिया है क्योंकि एनसीपी पहले राहुल के नेतृत्व को नकार चुकी है और कांग्रेस का ख़ुद का सर्वे इस बार के लोकसभा चुनावों के लिए ठीक नहीं है। लिहाज़ा दिग्विजय का इशारा ये कहता है कि जब बयार ही कांग्रेस के पक्ष में नहीं है तो ये एक तरह से राहुल को चेहरा बनाने का मुफ़ीद वक़्त नहीं है।