नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनलोकपाल बिल को असंवैधानिक करार दिये जाने पर अपने ख़त में 4 क़ानून के जानकारों का नाम लिखा था और द...
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनलोकपाल बिल को असंवैधानिक करार दिये जाने पर अपने ख़त में 4 क़ानून के जानकारों का नाम लिखा था और दावा किया था कि इन चारों ने जनलोकपाल को संवैधानिक और गृहमंत्रालय के दिल्ली सरकार पर क़ानून लादने को असंवैधानिक करार दिया था। अब इन चार में से 2 क़ानून के जानकारों ने साफ़ किया है कि उनसे जनलोकपाल के बारे में कोई राय नहीं ली गई, ना ही उन्होंने कोई राय दी।
उपराज्यराज्यपाल नजीब जंग को लिखे अपने ख़त में केजरीवाल ने कहा है कि जनलोकपाल के लिए जस्टिस मुकुल मुदगल, के एन भट, पीवी कपूर और पिनाकी मिश्रा से इस बारे में राय ली गई थी और उन्होंने इनकी राय है कि केंद्र सरकार का वो आदेश जिसमें कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा में कोई बिल पास होने से पहले केंद्र की मंज़ूरी ज़रूरी है, वो असंवैधानिक है।
जबकि इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बात करते हुए पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एन भट और वरिष्ठ वकील पिनाकी मिश्रा ने कहा है कि उनसे जनलोकपाल बिल के संदर्भ में इस पर राय नहीं ली गई कि उस पर केंद्र की मंज़ूरी ज़रूरी है या नहीं।
K N Bhat |
भट ने कहा कि, “मुझसे जनलोकपाल पर राय नहीं ली गई और ना ही इस पर चर्चा के लिए विधानसभा की योग्यता के बारे में और ना ही मैंने इस अपनी कोई राय दी।” हालांकि भट ने ये कहा कि उनसे दिल्ली सरकार पर लगाये केंद्र के नियम को लेकर राय मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि, “मुझसे इस नियम के संवैधानिक वैधता को लेकर राय मांगी गई थी। मैंने राय दी कि नियम बनानेवाले प्राधिकारी अनुच्छेद 239AA (3)a में विधानसभा को दी गई ताक़त को छीन नहीं सकते – इसलिये ये अवैध है। लेकिन वैधता पर निर्णय लेने का अधिकार हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट का है। एलजी को तब तक नियम को मानना पड़ेगा और उसके अनुसार काम करना होगा जब तक वो नियम बना हुआ है।”
Pinaki Mishra |
वहीं मिश्रा ने कहा कि उनसे ये पूछा गया था कि क्या दिल्ली के सभी बिलों का केंद्र से पास होना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि, “मैंने उनसे कहा कि सभी बिलों का केंद्र से पास होना ज़रूरी नहीं है। उनमें से सिर्फ कुछ का होना ज़रूरी है। नहीं तो दिल्ली विधानसभा के कोई मायने ही नहीं रहेंगे। हालांकि मुझसे ये नहीं पूछा गया कि लोकपाल बिल का केंद्र से पास होना ज़रूरी है या नहीं। ये सवाल मुझसे बिल्कुल नहीं पूछा गया।”