RSS chief mohan bhagwat was behind malegaon blast says caravan magzine
कैरावैन नाम की एक छोटी सी मैगज़ीन ने इतना बड़ा दावा किया है कि इसने देश के सियासी हलकों में भूचाल ला दिया है। मैगज़ीन ने मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी असीमानंद के एक इंटरव्यू के हवाले से दावा किया है कि मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट धमाकों की जानकारी संघ प्रमुख मोहन भागवत को थी।
भागवत के आशीर्वाद से धमाके?
कैरावैन मैगज़ीन ने मामले में आरोपी असीमानंद के तथाकथित इंटरव्यू का हवाला देते हुए दावा किया है कि मोहन भागवत तो धमाकों की जानकारी थी और बाकायदा उसे भागवत का आशीर्वाद हासिल था। मैगज़ीन ने असीमानंद से बातचीत के टेप भी जारी किए हैं। हालांकि अब असीमानंद के वकील ने कहा है कि असीमानंद का कोई इंटरव्यू नहीं लिया गया।
बीजेपी-आरएसएस का तीखा विरोध
मामले के सामने आते ही बीजेपी और आरएसएस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। आरएसएस की ओर से इस इंटरव्यू को फर्जी करार दिया गया है। जबकि बीजेपी ने इसे कांग्रेस की साजिश करार दिया है। बीजेपी का कहना है कि ये कांग्रेस की डर्टी पॉलिटिक्स है। बीजेपी ने सवाल उठाया कि दो साल पहले किया गया इंटरव्यू चुनावों से पहले ही क्यों सामने आया?
मैगज़ीन जांच के लिए तैयार
कैरावैन मैगज़ीन ने दावा किया है कि उनका इंटरव्यू एकदम सही है और वो किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं। मैगज़ीन की ओर से कहा गया है कि ये इंटरव्यू असीमानंद की सहमति से ही किया गया है, न ये किसी तरह का स्टिंग था और ना ही धोखे से उनसे कुछ कहलवाया गया था।
गौरतलब है कि धमाकों की जांच कर रही एनआईए मैगज़ीन के दावों की भी जांच करेगी।
बेनी ने भागवत को कहा राष्ट्रद्रोही, विरोधियों ने भी घेरा
संघ प्रमुख पर आरोप लगने से चुनावी सीजन में कांग्रेस और बीजेपी विरोधी पार्टियों को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया। कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने मोहन भागवत को राष्ट्रद्रोही करार देते हुए गिरफ्तार करने की मांग की है। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि असीमानंद ने कहा है तो सच ही कहा होगा। उधर जेडीयू, सीपीएम और बीएसपी समेत सभी पार्टियों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
बीजेपी के लिए बड़ा झटका
ज़ाहिर है चुनावी मौसम में बीजेपी के लिए संघ प्रमुख पर लगा ये आरोप बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियां बीजेपी को साम्प्रदायिक करार देती आई हैं, और ऐसे में जबकि बीजेपी के अंदर संघ के दखल से सभी वाकिफ हैं, संघ प्रमुख पर इतने संगीन आरोप से विरोधियों को बीजेपी पर हमला करने का एक बड़ा मौका मिल गया है।