Congress president Sonia Gandhi sought to end the "reservation debate" within the party by declaring that extending "reservation to scheduled castes, scheduled tribes and OBC is an article of faith."
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के जाति आधारित आरक्षण को ख़त्म करने के बयान पर कांग्रेस ने फटकार लगाई है साथ ही सोनिया गांधी ने उनके सुझाव को खारिज करते हुए कहा है कि एसी/एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण व्यवस्था पर पार्टी की राय में कोई संदेह या अस्पष्टता नहीं है।
सोनिया गांधी ने दो पेज के बयान में कहा है कि, “एसी/एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण व्यवस्था पर कांग्रेस की राय में कोई संदेह या अस्पष्टता नहीं है। ये सब कांग्रेस पार्टी ने शुरू किया था, उन्हें मज़बूत करने का काम कांग्रेस ने किया और उन्हें लगातार आगे बढ़ाने का काम कांग्रेस पार्टी करती रहेगी।”
द्विवेदी के बयान के बाद सोनिया गांधी का बयान पार्टी के लिए डैमेज कंट्रोल करने के लिए लगता है जिसके बाद विरोधी दलों ने और ख़ास तौर पर यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही एसपी और बीएसपी ने भी कांग्रेस महासचिव की राय की निंदा की है।
लोकसबा चुनावों से कुछ महीनों पहले ही आये द्विवेदी के इस बयान से पार्टी को झटका लगने की आशंका थी लिहाज़ कांग्रेस ने उनके बयान को निजी बताकर ख़ुद को उससे दूरी बना लेने में ही भलाई समझी।
अपने बयान में गांधी ने कहा कि कांग्रेस की ये मज़बूत राय है कि एसी, एसटी और ओबीसी से लिए आरक्षण चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि, “सदियों से उनके ऊपर लादी गई भेदभाव की भावना को ख़त्म करने के लिए ये ज़रूरी है।”
इस मसले पर संसद में हंगामा होने पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने राज्य सभा में साफ किया कि सरकार ऐसे किसी तरह आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के सुझाव को तवज्जो नहीं दे रही। आज जिस तरह की आरक्षण की व्यवस्था है वो संविधान के हिसाब से जारी रहेगी।”