UP unsafe for female
लखनऊ। आजकल उत्तर प्रदेश बिगड़ी हुई क़ानून व्यवस्था के कारण मीडिया में छाया हुआ है। प्रदेश सरकार के दावों के बावजूद यहाँ बलात्कार जैसे जघन्य मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीँ प्रदेश के डी.जी.पी. का बयान जिसमें ऐसे अपराध को 'रूटीन क्राइम' कहा जाना जनमानस में और भी असंतोष पैदा करता है। अब ऐसा लगने लगा है कि यूपी में क़ानून व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं रह गयी है। अब इस बिगड़े माहौल की चर्चा प्रदेश से निकल कर पूरे देश में होने लगी है।
गौरतलब हो कि पिछले सिर्फ 36 घंटे का रिकॉर्ड यूपी की बिगड़ी हुई क़ानून व्यवस्था और यहाँ महिलाओं की स्थिति का साफ़-साफ़ चित्रण कर लेकिन लगातार ऐसे मामलों की बढ़ती हुई रफ़्तार से लगता है कि सरकार शांत बैठी हुई है। पिछले 36 घंटे में ही प्रदेश में दुष्कर्म में कई मामले सामने आ चुके हैं।
-जिस पुलिस के ऊपर सुरक्षा की ज़िम्मेदारी होती है उसी पुलिसवालों पर एक महिला के साथ थाने में सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है। ये मामला हमीरपुर जिले के भरुआ सुमेरपुर थाने का है, जहाँ महिला का कहना है कि ए.एस.आई और कॉन्स्टेबल ने मिल कर उस महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
-मुरादाबाद में 16 साल की एक लड़की पेड़ पर लटका हुआ मिला। परिवार वालों का आरोप है कि दुष्कर्म के बाद युवती शव यहाँ लटकाया गया है। ज्ञात हो कि इससे पहले बहराइच और बंदायूं में भी इसी तरह से दुष्कर्म के बाद शव पेड़ पर लटका दिया गया था।
-कुशीनगर में एक लड़की साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसे फ़ेंक दिया गया।
-सीतापुर में एक लड़की ने ऑटो ड्राइवर पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है।
गौरतलब हो कि उपर्युक्त कई मामलों में जांच अभी जारी है और जहाँ तक हमीरपुर का मामला है उसमे पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार महिला के साथ हुए दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो रही है और ये महज़ आरोप है। खैर ये तो जांच का विषय है लेकिन उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था आम जनता बीच एक बहस का मुद्दा बना हुआ है जिसे ठीक करने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाने ही पड़ेंगे।