Gilani against the return of kashmiri pundits
बुधवार को श्रीनगर एयरपोर्ट मार्ग पर लोगों को संबोधित करते हुए गिलानी ने कहा कि हम कश्मीरी पंडितों के खिलाफ नहीं है। लेकिन हम उनके लिए कश्मीर में होमलैंड के नाम पर अलग से एक कॉलोनी बसाए जाने के खिलाफ हैं। अगर केंद्र और राज्य सरकार ने ऐसी कोई कोशिश की तो उसके खिलाफ हम लोग सख्त अभियान चलाएंगे। गिलानी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों से हमारा आग्रह है कि वह अलग होमलैंड की साजिश में न फंसे। हुर्रियत नेता ने कहा कि कश्मीरी पंडित आएं, कश्मीर में ठीक वैसे रहें, जैसे पहले वह मुस्लिमों के बीच ही रहते थे।
गौरतलब हो की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने अभिभाषण में साफ कर दिया था कि सरकार कश्मीरी पंडितों की पूरे सम्मान और सुरक्षा के साथ घाटी में वापसी के लिए विशेष कदम उठाएगी। इसके साथ ही उनके रोजगार और जीविकोपार्जन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के प्रयासों का संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया। वास्तव में इसी मुद्दे पर सदन में सबसे ज्यादा तालियां बजीं। इसमें भाजपा के साथ-साथ दूसरे दलों के सांसद भी शामिल थे।
जाहिर है कि मोदी यदि इसके लिए कोई ठोस कदम उठाते हैं तो सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिलेगा ही। यहां तक कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी बार-बार कश्मीरी पंडितों को वापस लौटने की अपील करते रहे हैं, लेकिन सुरक्षा और रोजगार के गारंटी के बिना कश्मीरी पंडित वापस लौटने को तैयार नहीं है। मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों की पूरे सम्मान और सुरक्षा के साथ घर वापसी की रूपरेखा तैयार करने का एलान किया है जिसमें रोजगार और जीविकोपार्जन के उपाय भी शामिल होंगे।
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