Shiv Sena declares uddhav its cm candidate
मुंबई। देश भर में मोदी को मिली अप्रत्याशित सफलता मिलने के बाद हर एक नेता चाहे वो पार्टी का हो या फिर सहयोगी दलों का सबों के अंदर पद के अरमान जाग गए हैं। इसी सिलसिले में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम आ रहा है। उद्धव ठाकरे के पिता और शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने कभी भी किसी भी प्रशासनिक पद की इच्छा ज़ाहिर नहीं की। ऐसा माना जा रहा था कि उद्धव ठाकरे भी इसी क्रम को आगे बढ़ाएंगे लेकिन हुआ इसके बिलकुल उलट। उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद हासिल करने के लिए हर मोर्चे से अपनी फील्डिंग शुरू कर चुके हैं।
अभी तक बीजेपी शिवसेना के बीच समझौता होता आया है कि विधानसभा चुनाव शिवसेना 171 सीटों पर और बीजेपी 117 सीटों पर लड़ती है। पर अब बीजेपी राज्य में शिवसेना के बड़े भाई का कद रास नहीं आ रहा। बीजेपी शिवेसना की छाया से बाहर निकलना चाहती है। कुछ बीजेपी नेताओं को लगता है कि बिना बालासाहेब की शिवसेना के पास कोई और चारा नहीं है। बीजेपी जो भी समझौता करे शिवसेना को उसी के साथ रहना है। इसलिए बीजेपी की तरफ से अभी से गोपीनाथ मुंडे और देवेंद्र फड़नवीस का नाम उछाला जाने लगा है। लेकिन शिवसेना अपनी जमीन छोड़ने को बिल्कुल तैयार नहीं है। संजय राउत ने कहा है पार्टी चाहती है उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का अगला सीएम उनकी पार्टी से होगा. अगर राज्य में कोई बदलाव ला सकता है तो सिर्फ शिवसेना ला सकती है।
पर बीजेपी लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद मान कर चल रही है कि पुराना समझौता अब नहीं चलने वाला. सीट और मुख्यमंत्री पद को लेकर बातचीत नए सिरे से होगी। दरअसल इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब थोड़े दिन पहले बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का संकेत दिए। इस पर फड़नवीस ने कहा था कि गोपीनाथ मुंडे खुद मुख्यमंत्री बनने लौट आएंगे, राज्य ने उन्हें उधार पर केन्द्र भेजा है। जिस पर आज सामना में छपा कि क्या मोदी को ये कर्ज और उधार का धंधा मंजूर है?
अभी बीजेपी कार्यकर्ता ये भी कहने लगे हैं कि केन्द्र में नरेन्द्र और राज्य में देवेन्द्र। इस बात से कई नेताओं को चिंता होने लगी. बल्कि मुंडे भी खुद कहने लगे, देश में नरेन्द्र राज्य में देवेन्द्र. मुंडे कहते हैं देवेन्द्र उत्तम है और देवेन्द्र कहते हैं कि मुंडे को तीन महीने के उधार पर दिल्ली भेज दिया है।
खुद को सीएम घोषित करने इसकी शुरुआत उद्धव के छोटे भाई राज ठाकरे ने की है। उन्होंने ही सबसे पहले महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किया। फिर बड़े बड़े दावेदार आए। महाराष्ट्र में पिछले सभी मौकों पर बीजेपी शिवसेना की सरकार में मुख्यमंत्री की कुर्सी शिवसेना को मिली है। लेकिन इस बार बीजेपी आत्मविश्वास से भरी हुई है। देश में दमदार प्रदर्शन के बाद उसे महाराष्ट्र के चुनाव में जीत तय दिख रही है और मुख्यमंत्री की कुर्सी निकट भविष्य का सत्य। लेकिन ऐसा प्रतीत हो कि जिस तरह से इनलोगों के बीच सीएम की कुर्सी के लिए युद्ध शुरू हो गया है अब ये लड़ाई आसान नहीं है।
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