Chinese enters in Indian border
नई दिल्ली। एकतरफ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा पर दोस्ती का हाथ बढ़ा हैं वहीँ दूसरी ओर सीमावर्ती लदाख में चीनी घुसपैठ की खबर है। बताया गया है कि सरकारी वाहनों पर सवार होकर वहां के नागरिक भारतीय क्षेत्र देमचोक में घुस आए हैं और वे वहां पर सिंचाई के लिए बनाई जा रही नहर का निर्माण कार्य रुकवा दिया है। लेह के उपायुक्त ने इस घुसपैठ की पुष्टि की है लेकिन भारत सरकार ने फिलहाल इस पर ठंडा रुख दिखाया है। सिर्फ चीनी नागरिक ही घुसपैठ नहीं कर रहे हैं, बल्कि लद्दाख जिले के चुमार सेक्टर में भी स्थिति और गंभीर हो गई है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत पहुंचने से कुछ घंटे पहले बुधवार को करीब 100 और चीनी जवान भारतीय इलाके में घुस गए और तनाव कम करने के लिए बुधवार को ही दोनों देशों के बीच हुई ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग में कोई खास प्रगति नहीं हुई। जबकि विदेश विभाग के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि इस मामले को चीनी राष्ट्रपति के साथ होने वाली वार्ता में उठाया जाएगा।
अगर लेह के जिला उपायुक्त सिमरनदीप सिंहमानें तो देमचोक गांव में मनरेगा के तहत ग्रामीण जिस सिंचाई परियोजना के निर्माण में लगे हैं, चीन को उस पर आपत्ति है। इसीलिए पिछले एक सप्ताह से निर्माण कार्य को रोकने की कोशिश चल रही है। यह स्थान चीन से लगने वाली सीमा के करीब है। उपायुक्त चीनी सेना के घुसपैठ के सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमा के नजदीक चीन के गांव तोशीगांग के लोग सरकारी वाहनों पर सवार होकर देमचोक आए और उन्होंने नहर बनाए जाने के कार्य को रुकवाया दिया है। सेना ने ग्रामीणों की इस घुसपैठ पर कुछ बोलने से इन्कार किया है। चुशूल में हुई ब्रिगेडियर स्तर की चीन के साथ हुई फ्लैग मीटिंग में भारतीय अधिकारियों ने इस मामले को उठाकर आपत्ति जताई। जबकि सेना
मुख्यालय ने बैठक में घुसपैठ मामले को लेकर कोई भी खास बात होने से इन्कार किया है।
गौरतलब हो कि भारतीय क्षेत्र में डेरा जमाए चीनी सैनिकों की संख्या करीब 350 हो गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत ने भी इलाके में अपने कुछ और जवानों को भेजा है। इस सेक्टर में पांच दिन पहले चीनी सेना के करीब 300 जवान भारतीय इलाके में घुसकर 100 भारतीय जवानों को घेर लिया था। इस कारण दोनों देश की सेना आमने-सामने आ गई है। चुमार वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे उन कुछ इलाकों में से एक है जहां भारतीय सेना के लिए पहुंचना अपेक्षाकृत आसान है। लेकिन पिछले दो-तीन सालों से यहां पर कई बार तनाव की स्थिति बनी है। सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच जल्द ही एक और बैठक होगी। सीमा पर तनाव कम करने के लिए बुधवार को पिछले एक सप्ताह में दो बैठकें हो चुकी हैं।
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