लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए...
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
* गन्ना किसानों के हित में वर्तमान पेराई सत्र 2015-16 के लिए गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य तथा चीनी मिलों को अन्य छूट/अतिरिक्त वित्तीय सहायता दिए जाने का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने वर्तमान पेराई सत्र 2015-16 के लिए गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एस0ए0पी0) तथा गन्ना किसानों के हित में चीनी मिलों को अन्य छूट/अतिरिक्त वित्तीय सहायता दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
पेराई सत्र 2015-16 के लिए अनुपयुक्त प्रजाति के गन्ने के लिए 275 रुपए प्रति कुन्टल, सामान्य प्रजाति के गन्ने के लिए 280 रुपए प्रति कुन्टल तथा अगैती प्रजाति के गन्ने के लिए 290 रुपए प्रति कुन्टल राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारित किया गया है। चीनी मिलों के वाह्य केन्द्रों से गन्ने का परिवहन मिल गेट तक कराए जाने के मद में होने वाली कटौती की दर (गत पेराई सत्र 2014-15 की भांति) 8 रुपए 75 पैसे प्रति कुन्टल रखी गई है।
राज्य परामर्शित मूल्य का भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा, जिसमें से पहली किस्त 230 रुपए प्रति कुन्टल की दर से तथा दूसरी किश्त राज्य परामर्शित मूल्य के अनुसार अनुपयुक्त, सामान्य एवं अगैती प्रजाति के गन्ने के लिए क्रमशः 45, 50 एवं 60 रुपए प्रति कुन्टल की दर से होगी।
गन्ना किसानों के हित में राज्य सरकार की ओर से अधिकतम 35 रुपए प्रति कुन्टल की दर से छूट/प्रतिपूर्ति एवं अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके तहत पेराई सत्र 2015-16 में उत्पादित चीनी पर सर्वप्रथम चीनी मिलों को सोसाइटी कमीशन की प्रतिपूर्ति के रूप में 6 रुपए 90 पैसे प्रति कुन्टल, गन्ना क्रय कर में छूट में रूप में 2 रुपए प्रति कुन्टल तथा चीनी पर प्रवेश कर में छूट के रूप में 2 रुपए 80 पैसे प्रति कुन्टल, इस प्रकार कुल मिलाकर 11 रुपए 70 पैसे प्रति कुन्टल की छूट/प्रतिपूर्ति अनुमन्य होगी।
इसके अतिरिक्त 23 रुपए 30 पैसे प्रति कुन्टल की दर से अधिकतम अतिरिक्त वित्तीय सहायता चीनी मिलों को गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु राज्य सरकार की ओर से चीनी, शीरा, बगास एवं प्रेसमड के औसत बाजार मूल्य एवं पेराई सत्र 2015-16 में रहे इनके औसत परता के आधार पर दी जाएगी। चीनी, शीरा, बगास एवं पे्रसमड के औसत मूल्य एवं परता का निर्धारण किए जाने के सम्बन्ध में संस्तुति देने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री के अनुमोदन से समिति का गठन किया जाएगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली उच्चस्तरीय समिति की संस्तुति के क्रम में पेराई सत्र 2015-16 में गन्ना कृषकों के हित में चीनी मिलों को राज्य सरकार की ओर से दी जा रही 11 रुपए 70 पैसे प्रति कुन्टल की छूट/प्रतिपूर्ति को आंशिक या पूर्ण रूप से समायोजित किए जाने तथा शेष 23 रुपए 30 पैसे प्रति कुन्टल की दर से प्रस्तावित अतिरिक्त वित्तीय सहायता की देयता को राज्य सरकार एवं चीनी मिलों द्वारा किस अनुपात में वहन किया जाएगा, के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाएगा।
अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार पेराई सत्र 2015-16 में सोसाइटी कमीशन की प्रतिपूर्ति चीनी मिलों को राज्य सरकार द्वारा की जानी है, जिसका व्यय भार राज्य सरकार को वहन करना है। इसके दृष्टिगत पेराई सत्र 2015-16 के लिए सोसाइटी कमीशन की दर को संशोधित कर 3 रुपए प्रति कुन्टल निर्धारित किए जाने एवं इस क्रम में उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) नियमावली, 1954 के नियम 49 में इस विषय में संशोधन का निर्णय भी मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।
* कृषक दुर्घटना बीमा योजना के स्थान पर मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना को 1 अप्रैल, 2016 से लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने राजस्व विभाग द्वारा संचालित कृषक दुर्घटना बीमा योजना को समाप्त करके उसके स्थान पर संस्थागत वित्त बीमा एवं वाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय के नियंत्रणाधीन मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना को वित्तीय वर्ष 2016-17 अर्थात् 1 अप्रैल, 2016 से लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। साथ ही, मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के सुचारु रूप से क्रियान्वयन के लिए यथावश्यक संशोधन हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि राजस्व विभाग द्वारा प्रदेश के खातेदार/सह खातेदार कृषकों के लिए कृषक दुर्घटना बीमा योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश में निवास करने वाले ऐसे कृषक, जिनका नाम राजस्व अभिलेखों अर्थात् खतौनी में खातेदार/सह खातेदार के रूप में दर्ज है, को आच्छादित किया गया है। कृषक दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत बीमा का आवरण मृत्यु की स्थिति में अधिकतम 5 लाख रुपए है और इसका प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
राजस्व विभाग के प्राप्त सूचना के अनुसार कृषक दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 855 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया था तथा 815.2950 करोड़ रुपए का भुगतान दावों के रूप में कुल 16,254 लाभार्थियों को किया गया था। संस्थागत वित्त बीमा एवं वाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय, उ0प्र0 द्वारा प्रस्तावित मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा चलायी जा रही कृषक दुर्घटना बीमा योजना में आच्छादित समस्त कृषकों के अतिरिक्त, भूमिहीन कृषक तथा अन्य ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 75,000 रुपए से कम है, को आच्छादित किया गया है, जिनकी संख्या लगभग 3 करोड़ है।
मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अंतर्गत 3 करोड़ परिवारों को जिनमें कि कृषक दुर्घटना बीमा योजना के कृषक भी सम्मिलित हैं, को दोहरे बीमा का लाभ मिलेगा। इसके तहत मृत्यु एवं पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा लाभ एवं दुर्घटना के उपरान्त चिकित्सा की स्थिति में 2.50 लाख रुपए तक की चिकित्सा एवं आवश्यकतानुसार 1 लाख रुपए तक के कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है, जिसके अंतर्गत प्रशासनिक एवं अन्य खर्चों को जोड़कर कुल मात्र 897 करोड़ रुपए खर्च सम्भावित है।
राजस्व विभाग द्वारा संचालित कृषक दुर्घटना बीमा योजना को समाप्त करते हुए उसके स्थान पर प्रस्तावित मुख्यमंत्री किसाना एवं सर्वहित बीमा योजना को कृषक दुर्घटना बीमा योजना में निहित व्यय पर ही संचालित किया जाना प्रस्तावित है। बीमा कम्पनी/कम्पनियों का चयन निविदा द्वारा निर्धारित दरों/नियम एवं शर्तों पर 3 वर्षों के लिए किया जाएगा। बीमा कम्पनी उपरोक्तानुसार भुगतान की तिथि से घोषित लाभार्थियों के लिए 1 वर्ष के लिए मास्टर पाॅलिसी जारी करेगी तथा प्रीमियम का भुगतान वार्षिक आधार पर प्रतिवर्ष प्रति 6 माह हेतु अग्रिम किया जाएगा। बीमा पाॅलिसी उसी दर एवं नियम/शर्तों पर प्रशासकीय विभाग द्वारा 3 वर्ष के पश्चात वार्षिक आधार पर कार्य संतोषजनक पाये जाने पर अग्रेत्तर 3 वर्षों तक (कुल 6 वर्ष) नवीनीकृत किया जा सकता है।
* उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2016 के प्राख्यापन की मंजूरी, पर्यटन नीति प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन राज्य के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2016 के प्राख्यापन की मंजूरी दी। इस नीति के तहत नए पर्यटक गन्तव्यों एवं काॅन्सेप्ट को चिन्हित कर उन्हें पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही मानव संसाधन विकास हेतु विशेष प्रयास किए जाएंगे। पर्यटन क्षेत्र को प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध कराने हेतु बजट में पृथक से व्यवस्था की जाएगी। प्रमुख पर्यटन मार्गाें पर आवश्यकतानुसार मार्गीय सुविधाओं का निजी क्षेत्र के सहयोग से विकास किया जाएगा।
पर्यटन नीति के तहत प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर पर्यटक अवस्थापना सुविधाएं जैसे- जल, विद्युत, यात्री छादक, सम्पर्क मार्ग, सफाई व्यवस्था आदि को सुदृढ़ करते हुए उच्चीकृत किया जाएगा। हेरिटेज जोन्स की व्यवस्था के तहत ऐसे क्षेत्र जहां विरासत भवनों की बहुतायत हो, को हेरिटेज जोन के रूप में चिन्हित किया जाएगा। प्रदेश में स्थित पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हेरिटेज माॅन्यूमेन्ट्स, अविकसित पर्यटन स्थलों के रख-रखाव व उनके विकास के लिए विरासत विकास कोष की स्थापना की जाएगी।
इसके अलावा, पर्यटन विकास से सम्बन्धित अन्तर्विभागीय समस्याओं के निराकरण तथा पर्यटन से सम्बन्धित विभागों से परामर्श तथा उनसे आने वाली समस्याओं के निवारण हेतु अन्तर्विभागीय मंत्री समूह की स्थापना की जाएगी। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा एवं उद्योगों को अनुमन्य समस्त सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी। पर्यटकों के लिए प्रदेश भ्रमण एक सुखद सुरक्षित अनुभूति बनाने हेतु हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा पर्यटन पुलिस की संख्या बढ़ाकर सभी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर इनकी तैनाती की जाएगी।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले पर्यटन आयोजनों में विभाग की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी, साथ ही प्रदेश की छवि निखारने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। प्रदेश के पर्यटन विकास को गति देने हेतु मौजूदा पर्यटन संगठन के ढ़ाचे को सुदृढ़ किया जाएगा। इसके अलावा पर्यटन निगम की अलाभकारी व बन्द पड़ी इकाईयों को निजी क्षेत्र को लीज पर दिया जाएगा। निगम की लाभप्रद एवं महत्वपूर्ण इकाईयों का उच्चीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही, टूर पैकेजिंग को पर्यटन निगम की मुख्य गतिविधि बनाया जाएगा। पर्यटन निगम के कार्मिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष-1998 में प्रदेश के पर्यटन उद्योग के बहुमुखी विकास के उद्देश्य से पहली पर्यटन नीति घोषित की गई थी। रणनीतिपरक एवं सुनियोजित पर्यटन गतिविधियों की अपरिमित सम्भावनाओं के सम्यक सदुपयोग के दृष्टिगत प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन राज्य के रूप में स्थापित करने उद्देश्य से एक नई पर्यटन नीति बहुत जरूरी थी।
गौरतलब है, कि भारत अन्तर्राष्ट्रीय अधिमान्य पर्यटन केन्द्र के रूप में विश्व-पटल पर स्थापित हो चुका है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश देश के राज्यों में सबसे अधिक पर्यटन आगमन प्राप्त करने वाला राज्य बन चुका है। वर्ष-1998 में प्रदेश में आने वाले 7.27 लाख विदेशी पर्यटकों की संख्या थी, जो वर्ष-2014 तक बढ़कर लगभग 29.09 लाख हो चुकी है। इन्टरनेट तथा डिजिटल मीडिया में रोज नये प्रयोग किए जा रहे हैं। इस तकनीकी विकास के फलस्वरूप पर्यटन जगत में एक बड़ा परिवर्तन आया है। पर्यटन विभाग की भूमिका एक सेवा प्रदाता की भूमिका में बदल गई है। इन तमाम बदलाव को देखते हुए गतिशील, व्यवहारिक और परिणामपरक पर्यटन नीति की आवश्यकता के मद्देनजर इस नीति को लागू करने का फैसला लिया गया है।
* डाॅ0 राम मनोहर लोहिया नलकूप परियोजना के तहत 3,000 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण के लिए 71145.35 लाख रु0 की मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया नलकूप परियोजना के तहत 3,000 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण के लिए पुनरीक्षित परियोजना की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 71145.35 लाख रुपए के व्यय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि इस परियोजना हेतु 7 सितम्बर, 2012 के शासनादेश द्वारा 68218.97 लाख रुपए की स्वीकृति निर्गत की गई थी। वर्तमान में विभिन्न उपकरणों के मूल्य में वृद्धि को देखते हुए परियोजना पुनरीक्षित की गई है।
* डाॅ0 राम मनोहर लोहिया नलकूप परियोजना के तहत 2,000 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना के लिए 57,310.56 लाख रु0 के व्यय प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने डाॅ0 राम मनोहर लोहिया नलकूप परियोजना के तहत 2,000 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना की व्यय वित्त समिति की दिनांक 7 मई, 2015 की बैठक में अनुमोदित लागत 57,310.56 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। परियोजना से प्रदेश में 1,00,000 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।
जनपद सुलतानपुर में बल्दीराय नई तहसील बनी मंत्रिपरिषद ने जनपद सुलतानपुर में बल्दीराय को नई तहसील के रूप में सृजित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
जनहित व प्रशासनिक दृष्टि से निर्धारित मानक में शिथिलीकरण प्रदान करते हुए जनपद सुलतानपुर में नई तहसील बल्दीराय, जिसका मुख्यालय बल्दीराय होगा, के सृजन किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस तहसील में 70 लेखपाल क्षेत्र सम्मिलित होंगे।
* प्रदेश के 10 जनपदों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से रियायती दरों पर डबल फोर्टिफाइड नमक का वितरण कराए जाने को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के 10 जनपदों-सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, फैजाबाद, मऊ, मेरठ, फर्रुखाबाद, मुरादाबाद, हमीरपुर, इटावा तथा औरैया में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से रियायती दरों पर डबल फोर्टिफाइड नमक का वितरण कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इन 10 जनपदों में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में एनीमिया का प्रसार ज्यादा पाया गया है। डबल फोर्टिफाइड नमक के वितरण से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। यह नमक एनीमिया से ग्रसित बच्चों, माताओं, किशोरी बालिकाओं तथा गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होगा। यह डबल फोर्टिफाइड नमक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी विशिष्टियों एवं मानक के अनुरूप होगा।
डबल फोर्टिफाइड नमक की 10 जनपदों में वितरण की इस योजना को सर्वप्रथम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक वर्ष के लिए लागू किया जाएगा। एक वर्ष तक इस नमक का जनता पर हुए प्रभाव एवं लाभों का अध्ययन कराया जाएगा और इसे लाभकारी पाए जाने पर ही प्रदेश के अन्य जनपदों में भी इसे लागू किए जाने पर विचार किया जाएगा।
डबल फोर्टिफाइड प्रति किलोग्राम अनुमानित मूल्य 12 रुपये के सापेक्ष ए0पी0एल0 कार्ड धारक के लिए 6 रुपये प्रति किलोग्राम तथा बी0पी0एल0/अन्त्योदय कार्ड धाराकों के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम होगा। नमक को 3 यूनिट तक के राशन कार्डाें पर 1 किलोग्राम तथा 3 यूनिट से अधिक वाले कार्डाें पर 2 किलोग्राम की दर से वितरित किया जायेगा।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न और मिट्टी के तेल के साथ डबल फोर्टिफाइड नमक का वितरण अनिवार्य रूप से किया जाएगा। वितरण हेतु दुकानदार को 50 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से कमीशन अनुमन्य होगा। योजना की निगरानी के लिए राज्यस्तरीय एवं जनपदस्तरीय माॅनीटरिंग समितियों का गठन किया जाएगा। सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, मुम्बई इस योजना हेतु सलाहकार की भूमिका निभाएगा, जिसके लिए उसे कोई भी व्यय देय नहीं होगा।
* खाद्य तिलहन एवं खाद्य तेल की स्टाॅक सीमा को 30 सितम्बर, 2016 तक बढ़ाए जाने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने तिलहन एवं खाद्य तेल के मूल्य में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए खाद्य तिलहन एवं खाद्य तेल की स्टाक सीमा को 30 सितम्बर, 2016 तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत, खाद्य तिलहन हेतु फुटकर विक्रेता के लिए 50 कुन्तल, बल्क कंज्यूमर हेतु 500 कुन्तल, थोक विक्रेता के लिए 1,000 कुन्तल, कमीशन एजेन्ट के लिए 1,000 कुन्तल तथा विनिर्माता हेतु 30 दिन की उत्पादन क्षमता के समतुल्य स्टाॅक सीमा तय की गई है।
इसी प्रकार फुटकर विक्रेता के लिए 50 कुन्तल, बल्क कंज्यूमर हेतु 750 कुन्तल, थोक विक्रेता के लिए 750 कुन्तल, कमीशन एजेन्ट के लिए 750 कुन्तल तथा विनिर्माता हेतु 30 दिन की उत्पादन क्षमता के समतुल्य स्टाॅक सीमा तय की गई है।
* उ0प्र0 सिंधी अकादमी के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 60 वर्ष करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु को 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
* उ0प्र0 पंजाबी अकादमी के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 60 वर्ष करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु को 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
* जनपद इटावा में अन्य वन्य जीवों के लिए सफारी पार्क की स्थापना हेतु उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद कार्यदायी संस्था नामित
मंत्रिपरिषद ने वित्त विभाग के शासनादेश संख्या -5/2015/ई-8-1092/दस-2015-1074/2012 दिनांक 8 सितम्बर, 2015 में शिथिलीकरण प्रदान करते हुए उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद को जनपद इटावा में अन्य वन्य जीवों यथा लेपर्ड, एन्टीलोप, डीयर और बीयर के लिए सफारी पार्क की स्थापना हेतु चेनलिंक फेंसिंग, आर0सी0सी0 रोड, निरीक्षण/पेट्रोलिंग मार्ग, वन्य जीवों हेतु एनीमल हाउस, डबल एंट्री गेट आदि के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था नामित करने का निर्णय लिया है। इन कार्याें पर लगभग 57 करोड़ रुपये का व्यय होना सम्भावित है। परियोजना की वास्तविक धनराशि कार्यदायी संस्था द्वारा डी0पी0आर0 तैयार करने के बाद आकलित की जाएगी। उक्त शासनादेश के अनुसार परिषद के गैर मानवीकृत कार्यों की लागत सीमा 25 करोड़ रुपए निर्धारित है, इसके दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। इटावा लायन सफारी पार्क का विकास एवं विजिटर फैसलिटेशन सेण्टर का निर्माण परिषद द्वारा किया जा रहा है। परिषद के कार्य एवं अनुभव के दृष्टिगत इन कार्यों के लिए भी उसे कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि जनपद इटावा में 350 हे0 क्षेत्र में सम्प्रति लाॅयन सफारी पार्क का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस क्षेत्र में ही बबर शेर के अतिरिक्त 30 हे0 क्षेत्रफल में लेपर्ड सफारी, 21 हे0 क्षेत्रफल में एन्टीलोप सफारी, 31.50 हे0 क्षेत्रफल में डीयर सफारी और 21 हे0 क्षेत्रफल में बीयर सफारी की स्थापना की जानी प्रस्तावित है।
* उप वन राजिक का पदनाम उप क्षेत्रीय वनाधिकारी करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने क्षेत्रीय वनाधिकारी के पोषक संवर्ग उप वन राजिक (उप वन रेंजर) का पदनाम उप क्षेत्रीय वनाधिकारी किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
* आजमगढ़ में सिधारी-हाइडिल चैराहे से गाजीपुर मार्ग पर सठियांव आजमगढ़ रेल सेक्शन पर रेल उपरिगामी सेतु के निर्माण को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने जनपद आजमगढ़ में सिधारी-हाइडिल चैराहे से गाजीपुर मार्ग पर सठियांव आजमगढ़ रेल सेक्शन के कि0मी0 40/6 (सम्पार संख्या-27ए) पर रेल उपरिगामी सेतु का निर्माण निक्षेप कार्य के रूप में राज्य सरकार के संसाधनों से कराए जाने हेतु मंजूरी प्रदान कर दी है। इस मार्ग पर भारी वाहनों तथा रेल लाइन पर ट्रेनों के आवागमन बढ़ जाने के कारण प्रायः सम्पार बन्द रहता है, जिसके कारण मार्ग पर अत्यधिक जाम लगता है और आम जनता की परेशानी बढ़ जाती है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।
* आजमगढ़/मऊ में लखनऊ-बलिया राज्य मार्ग संख्या-34 के चैनेज 270.00 से 316.506 तक मार्ग का 4-लेन हेतु चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने जनपद आजमगढ़/मऊ में लखनऊ-बलिया राज्य मार्ग संख्या-34 के चैनेज 270.00 से 316.506 तक (लम्बाई 46.506 किमी0, आजमगढ़ से मऊ तक का भाग) मार्ग का 4-लेन हेतु चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य कराए जाने को मंजूरी दे दी है।
इस मार्ग के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हो जाने से छोटे वाहनों हेतु सुरक्षित एवं दुर्घटनामुक्त काॅरीडोर उपलब्ध हो जाएगा। साथ ही, भारी व हल्के वाहनों का यातायात सुरक्षित एवं सुविधाजनक होगा। इस मार्ग के निर्माण से प्रदेश के अति पिछड़े पूर्वांचल क्षेत्र का चहुंमुखी विकास सम्भव होगा।
* डिसलेक्सिया व अटेंशन डैफिसिट एण्ड हाइपर एक्टिविटी सिन्ड्रोम से प्रभावित बच्चों की पहचान हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम से सम्बन्धित मार्गदर्शक सिद्धान्त के अनुसार कार्यवाही को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने डिसलेक्सिया व अटेंशन डैफिसिट एण्ड हाइपर एक्टिविटी सिन्ड्रोम से प्रभावित बच्चों की पहचान हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम से सम्बन्धित मार्गदर्शक सिद्धान्तों के अनुसार कार्यवाही किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम चरणबद्ध रूप से प्रदेश के सभी विद्यालयों में संचालित किया जाएगा। प्रथम चरण में इस कार्यक्रम को जनपद-लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, वाराणसी एवं इलाहाबाद में संचालित किया जाएगा।
* धरोहर स्थलों के संरक्षण हेतु ‘आदर्श भवन उपविधि’ बनाए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने धरोहर स्थलों के संरक्षण हेतु ‘आदर्श भवन उपविधि’ बनाए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह ‘आदर्श भवन उपविधि’ प्रदेश में धरोहर स्थलों को संरक्षण प्रदान किए जाने के उद्देश्य से संरक्षित स्थल के विन्यास में परिवर्तन सम्बन्धी व्यवस्था की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने में सहायक होगी। साथ ही, धरोहर सम्बन्धी मूल्यों को अच्छी प्रकार से बनाए रखने और ऐसे अवसरों की पहचान भी करने में मददगार होगी, जो वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
* ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)‘ के तहत भारत सरकार द्वारा परिवर्तित फण्डिंग पैटर्न के दृष्टिगत राज्य सरकार पर पड़ने वाले अतिरिक्त व्ययभार एवं संशोधित फण्डिंग पैटर्न पर सहमति
मंत्रिपरिषद ने निर्मल भारत अभियान के पुनर्गठन के बाद ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के तहत भारत सरकार द्वारा परिवर्तित फण्डिंग पैटर्न के दृष्टिगत राज्य सरकार पर पड़ने वाले अतिरिक्त व्ययभार एवं संशोधित फण्डिंग पैटर्न पर सहमति प्रदान कर दी है।
‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के तहत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की इकाई लागत भारत सरकार द्वारा 12 हजार रुपए निर्धारित की गई है, जिसमें 9 हजार रुपए (75 प्रतिशत) तथा राज्यांश 3 हजार रुपए (25 प्रतिशत) निर्धारित किया गया था।
भारत सरकार द्वारा इस योजना के फण्डिंग पैटर्न 75 प्रतिशत को परिवर्तित करते हुए केन्द्रांश 60 प्रतिशत तथा राज्यांश 40 प्रतिशत कर दिया है। इससे केन्द्रांश 7200 रुपए एवं राज्यांश 4800 रुपए हो गया है। इसी के साथ ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के अन्य घटकों के फण्डिंग पैटर्न में भी परिवर्तन किया गया है।
* उप खनिजों की राॅयल्टी एवं डेडरेन्ट की दरों को पुनरीक्षित करने का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने उप खनिजों की क्षेत्रवार/जनपदवार राॅयल्टी एवं डेडरेन्ट की दरों को पुनरीक्षित किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। विभिन्न उप खनिजों के बाजार मूल्य में हुई वृद्धि के फलस्वरूप राॅयल्टी व डेडरेन्ट की दरों के पुनरीक्षण की आवश्यकता के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
* मात्रा एवं दर अनुबन्ध के तहत शासकीय सामग्री के क्रय में प्रदेश की सूक्ष्य एवं लघु इकाईयों को क्रय वरीयता प्रदान करने तथा दर अनुबन्ध की केन्द्रीयकृत व्यवस्था को उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय स्तर पर बहाल करने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूर करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने मात्रा एवं दर अनुबन्ध के तहत शासकीय सामग्री के क्रय में प्रदेश की सूक्ष्य एवं लघु इकाईयों को क्रय वरीयता प्रदान किए जाने तथा दर अनुबन्ध की केन्द्रीयकृत व्यवस्था को उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय स्तर पर बहाल किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूर करने का निर्णय लिया है।
इसके अन्तर्गत किसी भी निविदा में प्रदेश की सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाईयों को क्रय वरीयता प्रदान की जाएगी, जिससे प्रदेश की सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिकी इकाईयों को प्रोत्साहन मिलेगा।
शासकीय क्रय प्रणाली में एकरूपता, सरलता एवं पारदर्शिता लाने तथा औद्योगिक संगठनों की मांग को दृष्टिगत रखते हुए दर अनुबन्ध की केन्द्रीयकृत व्यवस्था को उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय स्तर पर बहाल किए जाने का निर्णय लिया गया है। केन्द्रीयकृत दर अनुबन्ध की प्रक्रिया के फलस्वरूप प्रदेश की सभी निविदाओं में उद्यमियों को पंजीकृत कराने, ई0एम0डी0, सिक्योरिटी मनी, अन्य धनराशियां जमा करने, प्रत्येक कार्यालय पर निविदाओं में उपस्थित होने, बार-बार अपने अभिलेख उपलब्ध एवं सत्यापन कराने से उद्यमियों को निजात मिलेगी।
यह व्यवस्था उद्यमियों के लिए सुगम, समरूप एवं सरल होगी। इस व्यवस्था से बार-बार निविदा प्रकाशित करने, समय व धन की बचत एवं गुणवत्ता वाले उत्पादों का क्रय किया जाना भी सम्भव हो सकेगा।
* उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार परिसर में आर्काइव्स गैलरी के निर्माण हेतु 1219.51 लाख रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार परिसर में आर्काइव्स गैलरी के निर्माण के लिए 1219.51 लाख रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इस परियोजना के अन्तर्गत भूतल, प्रथम तल एवं द्वितीय तल का निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। भूतल पर आॅडिटोरियम, ओपन एयर थियेटर, कार्यालय कैन्टीन एवं रिसेप्शन आदि एवं प्रथम तल पर प्रदर्शनी हाॅल, कल्चरल रिसोर्स सेन्टर, आरकाब, स्टोरेज, एवं ब्रिज तथा द्वितीय तल पर प्रदर्शनी हाॅल, आरकाब, स्टोरेज, काॅमन हाॅल फाॅर रिर्सच स्काॅलर, चार सेट हाॅस्टल रिर्सच स्कालर हेतु एवं ब्रिज आदि का निर्माण प्रस्तावित है। इस कार्य हेतु उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
प्रायोजना रचना एवं मूल्यांकन प्रभाग द्वारा योजना का मूल्यांकन करते हुए यह परामर्श दिया गया है कि भवन निर्माण में कतिपय विशिष्टियां जैसे रेड सैण्ड स्टोन, एल्युमूनियम स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग, ग्रेनाइट स्टोन, बुड ब्लाक, फ्लोरिंग, मार्बल स्टोन, फाल्स सीलिंग एवं वाल पेनलिंग आदि जो कि लोक निर्माण विभाग की निर्धारित विशिष्टियों से उच्च है, के प्रयोग को भी मंत्रिपरिषद ने अनुमति दे दी है।
* 63 पुलिस कर्मियों की वरिष्ठता निर्धारित करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 पुलिस बल के वर्ष 1994 से वर्ष 2014 तक आउट आॅफ टर्न पदोन्नति प्राप्त 990 अराजपत्रित अधिकारी/कर्मचारियों (मुख्य आरक्षी/उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक) की भांति छूटे हुए 63 पुलिस कर्मियों की भी शासनादेश दिनांक 23 जुलाई, 2015 में विहित व्यवस्था के अनुसार वरिष्ठता निर्धारित करने का निर्णय लिया है। भविष्य में यदि किन्हीं स्रोतों से इस श्रेणी के कोई अन्य कर्मी प्रकाश में आते हैं तो उन्हें भी लाभ प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि आउट आॅफ टर्न प्रोन्नति प्राप्त कर्मियों की वरिष्ठता निर्धारण के सम्बन्ध में जारी शासनादेश दिनांक 23 जुलाई, 2015 के तहत वर्ष 1994 से वर्ष 2014 तक आउट आॅफ टर्न प्रोन्नति प्राप्त 233 निरीक्षक, 127 उपनिरीक्षक, नागरिक पुलिस तथा 630 मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस की वन टाइम वरिष्ठता निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे। तत्समय पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत सूची में अवशेष रह गए आउट आॅफ टर्न प्रोन्नति प्राप्त 63 कर्मियों (निरीक्षक 04, उपनिरीक्षक ना.पु. 34 एवं मुख्य आरक्षी ना.पु. 25) उक्त शासनादेश के अनुसार वरिष्ठता का लाभ देने का निर्णय लिया गया है।
* पुलिस विभाग की आवास-निर्माण परियोजनाओं के लिए हडको से ऋण के लिए राज्य सरकार द्वारा गारण्टी प्रदान करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने पुलिस विभाग की आवास-निर्माण परियोजनाओं के लिए हडको से ऋण लेने हेतु राज्य सरकार द्वारा गारण्टी प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह ऋण पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासों के निर्माण हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम द्वारा हडको से 10 प्रतिशत वार्षिक (फ्लोटिंग) ब्याज दर पर लिया जा रहा है। ऋण एवं ब्याज की अदायगी हेतु गृह विभाग के बजट में वर्षानुवर्ष आवश्यक बजट की व्यवस्था की जाएगी।
500 करोड़ रुपये के इस ऋण से प्रदेश के 25 जनपदों में बनाये जाने वाले लगभग 02 हजार आवासों के लिए विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं का चयन एवं उनके मध्य कार्य का बंटवारा करने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। इसके साथ ही, हडको से लिए जाने वाले इस ऋण की शर्तों एवं आवास निर्माण योजना में कालान्तर में आवश्यकतानुसार किसी परिवर्तन विषयक अनुमोदन के लिए भी मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि निर्माण कार्यों को निश्चित अवधि में पूर्ण किए जाने एवं उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें प्रमुख सचिव गृह, वित्त, लोक निर्माण, नियोजन विभाग, सदस्य तथा अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय, इलाहाबाद सदस्य सचिव के अलावा अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक पुलिस आवास निगम विशेष आमंत्री के रूप में शामिल हैं।
* प्रदेश के द्वितीय विश्व युद्ध के भूतपूर्व सैनिकों अथवा उनकी विधवाओं की पेंशन बढ़ाकर 06 हजार रु0 प्रतिमाह करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश के द्वितीय विश्व युद्ध के भूतपूर्व सैनिक अथवा उनकी विधवाओं को वर्तमान में दी जा रही पेंशन 04 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 06 हजार रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक/उनकी विधवाओं की संख्या इस समय 5,260 है।
* उ0प्र0 विकास प्राधिकरण एवं विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के कार्मिकों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को ‘उ0प्र0 सेवाकाल में मृत्यु सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 (यशासंशोधित)’ का लाभ देने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 विकास प्राधिकरण एवं विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के केन्द्रीयित एवं अकेन्द्रीयित सेवा के कार्मिकों की सेवाकाल में मृत्यु होने के उपरान्त, उनके आश्रितों को कार्मिक विभाग द्वारा निर्गत ‘उ0प्र0 सेवाकाल में मृत्यु सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 (यशासंशोधित)’ का लाभ देने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में 27 विकास प्राधिकरण एवं 05 विशेष क्षेत्र प्राधिकरण गठित हैं। इनके कार्मिकों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर प्राधिकरण के कार्मिकों के लिए मृतक आश्रित सेवा नियमावली लागू नहीं थी।
* उ0प्र0 अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा नियमावली, 1979 में प्रस्तावित चतुर्थ संशोधन, 2015 को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा नियमावली, 1979 में प्रस्तावित चतुर्थ संशोधन, 2015 को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इसके तहत प्रदेश में स्टाफ नर्सेज की भर्ती प्रक्रिया को सुगम किए जाने एवं प्रतिभावान अभ्यर्थियों को स्टाफ नर्स की सेवा में आकर्षित किए जाने हेतु स्टाफ नर्स पद को समूह ‘ग’ से हटाते हुए समूह ‘ख’ में करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, उ0प्र0 लोक सेवा आयोग इलाहाबाद के माध्यम से चयनित किए जाने हेतु सेवा नियमावली में संशोधन किया गया है।