नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के बकाया गन्ना मूल्य को कम करने में कामयाबी हासिल की है। जो गन्ना मूल्य 21000 करोड़ का बकाया था...
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के बकाया गन्ना मूल्य को कम करने में कामयाबी हासिल की है। जो गन्ना मूल्य 21000 करोड़ का बकाया था उसमें भारी कमी करते हुए 2700 करोड़ तक लाया गया है। यानी गन्ना किसानों को उनके बकाया का भुगतान काफी तेज़ी से किया जा रहा है।
चीनी मिलों की लिक्विडिटी सुधारकर उन्हें किसानों की गन्ने की बकाया राशि का भुगतान करने में सक्षम बनाने हेतु सरकार ने अनेक उपाय किए हैं। इन उपायों से 2014-15 चीनी सीजन के लिए गन्ने के मूल्य की बकाया राशि को कम करने में सफलता मिली है और 12 जनवरी, 2016 के अनुसार यह बकाया राशि 21,000 करोड़ रुपए से घटकर 2700 करोड़ रूपए हो गई है। यह राशि पिछले सीजन की इसी अवधि में रही बकाया राशि से भी कम है।
पिछले पांच वर्षों के दौरान घरेलू खपत की तुलना में लगातार चीनी के बकाया अधिशेष उत्पादन से चीनी के मूल्यों में गिरावट आई। जिसके कारण गन्ने के मूल्यों की बकाया राशि बढ़ती चली गई। 2014-15 चीनी सीजन के दौरान गन्ने के मूल्यों की बकाया राशि 15 अप्रैल, 2015 के अनुसार 21,000 करोड़ रूपए के उच्च स्तर पर थी। इस स्थिति को सुधारने और गन्ना उत्पादकों की आजीविका की रक्षा के लिए केन्द्र सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान चीनी मिलों की लिक्विडिटी स्थिति में सुधार लाने और उन्हें किसानों के गन्ने की बकाया राशि का भुगतान करने में समर्थ बनाने के लिए अनेक उपाय किए हैं। इन उपायों में कच्ची चीनी के निर्यात पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना, कम ब्याज वाले ऋण के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना, एथनॉल ब्लैन्डिंग प्रोग्राम (ईबीपी) के अधीन आपूर्ति किए गए एथनॉल पर उत्पाद शुल्क समाप्त करने, एथनॉल के लाभकारी मूल्य निर्धारित करना और अभी हाल में गन्ने के मूल्यों का समय पर भुगतान की सुविधा के लिए गन्ने की लागत को कम करने के लिए चीनी मिलों को उत्पादन सब्सिडी प्रदान करना शामिल हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि अब चीनी उद्योग एथनॉल ब्लैन्डिंग प्रोग्राम (ईबीपी) में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है और इसने चालू चीनी सीजन (अक्तूबर, 2015 से) के दौरान तेल विपणन कंपनियों को 6.82 करोड़ लीटर एथनॉल सप्लाई कर दिया है। जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि के दौरान केवल 1.92 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की गई थी। इसके अलावा एथनॉल ब्लैन्डिंग प्रोग्राम (ईबीपी) के तहत अनुबंधित मात्रा चालू सीजन में अप्रत्याक्षित रूप से 120 करोड़ लीटर है जो ऐतिहासिक रूप से सर्वाधिक है।