प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से दिल्ली के बीच में देश की पहली मॉ़डल ट्रेन चलाई, लेकिन इसमें सफर करने वाले यात्री ज़रूरी सामान चोरी कर रहे हैं।
कुंदन मिश्र। वाराणसी महामना, देश की सबसे अनूठी गाड़ी पर यात्री कुछ ज्यादा ही फिदा हो गए है। यात्रा को यादगार बनाने के लिए उसके सामनों को भी निकाल ले जा रहे हैं। गुरुवार को गाड़ी दिल्ली से बनारस दूसरी बार ही आयी। साफ-सफाई के लिए यार्ड पहुंची तो उसकी आधा दर्जन से अधिक टोटियां गायब मिलीं। इसके बाद पूरे ट्रेन की तलाशी हुई। जिसमें कुछ और सामान भी गायब थे। प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी को महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर देश की हाईटेक ट्रेन को रवाना किया। सभी ने इसकी सराहना भी की। पर, दो फेरे के बाद ही लोगों के इस खुशी पर ग्रहण लगने लगा है। ट्रेन की खूबसूरती बढ़ाने वाले सामान गायब होने लगे हैं। गुरुवार को ट्रेन बनारस पहुंची तो साफ सफाई के लिए यार्ड में भेजी गई।सफाई कर्मचारियों ने अधिकारियों को सूचना दी की स्लीपर क्लास और सेकेंड एसी से आधा दर्जन टोटियां गायब हैं। इसकी सूचना पर अधिकारियों ने पूरी ट्रेन की जांच का आदेश दिया। कर्मचारियों को अन्य साज-सज्जा के सामान भी टूटे मिले।
महामना एक्सप्रेस प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं की ट्रेन है। इसके लिए बोर्ड भी लापरवाही नहीं करना चाहता है। यह ट्रेन दिल्ली से बनारस पहली बार 26 जनवरी को 25 मिनट लेट पहुंची। इसकी सूचना पर बोर्ड ने संबंधित अफसरों से जवाब-तलब कर लिया। नतीजा यह रहा कि गुरुवार को दूसरे फेरे में यह गाड़ी तय समय से 35 मिनट पहले ही पहुंच गई। गाड़ी में सामान गायब होने की सूचना मिली है। जांच की जा रही है। नए सामान जल्द लगा दिए जाएंगे। गाड़ी प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं में है। ऐसे में गाड़ी को सही समय पर चलाया जाएगा। इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।