President Pranab Mukherjee on Tuesday gave his assent to impose Central rule in Arunachal Pradesh after Union Home Minister Rajnath Singh met him yesterday and explained the rationale behind the Cabinet’s recommendation.
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। प्रदेश के सियासी हालात को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी जिस पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अंतिम मुहर लगा दी।
अरुणाचल में चल रहे राजनीतिक संकट पर रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई जिसके बाद राष्ट्रपति को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश भेज दी गई।
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार का पॉलिटकल इन्टॉलरेंस करार दिया, वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस फैसले की आलोचना की और कहा कि बीजेपी पिछले दरवाज़े से सत्ता हथियाने की कोशिश में है।
अरुणाचल में हालात इसलिये खराब बताये जा रहे हैं क्योंकि वहां कांग्रेस सरकार अपने बागी विधायकों से मुश्किल में है। 21 विधायक ऐसे हैं जो अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हैं और बागी विधायकों ने मुख्यमंत्री नबाम तुकी का विरोध करते हुए कैलिखो पॉल को विधायक दल का नेता चुन लिया है। हालांकि बीजेपी विधायकों ने मौका देखते हुए अविश्वास प्रस्ताव हाल ही में पेश किया था लेकिन बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा।
ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है जहां संविधानपीठ को इस पर फैसला लेना है। जानकारों के मुताबिक सरकार सीधे राष्ट्रपति शासन नहीं लगा सकती, उसे इसके लिए संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव रखना होगा और दोनों सदनों की मज़ूरी के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है।
अरूणाचल विधानसभा में 60 विधायक हैं, जिसमें से 47 विधायक कांग्रेस के हैं और बीजेपी के सिर्फ 11 विधायक ही है। दो विधायक निर्दलीय हैं।
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज और ट्विटर पेज पर फॉलो करें