नई दिल्ली। मकर संक्रांति/पोंगल के शुभ अवसर पर कल भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 5,000 मेगावाट का जादुई आंकड़ा पार कर गई। चालू वित्...
नई दिल्ली। मकर संक्रांति/पोंगल के शुभ अवसर पर कल भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 5,000 मेगावाट का जादुई आंकड़ा पार कर गई। चालू वित्त वर्ष में 1,385 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के साथ ही देश में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता अब कुल मिलाकर 5,130 मेगावाट के स्तर को छू गई है। 5,130 मेगावाट सौर ऊर्जा का राज्यवार ब्यौरा निम्नलिखित तालिका में दिया गया है। 1,264 मेगावाट सौर ऊर्जा के साथ राजस्थान राज्य देश भर में पहले स्थान पर विराजमान है। इसके बाद क्रमश: गुजरात (1,024 मेगावाट), मध्य प्रदेश (679 मेगावाट), तमिलनाडु (419 मेगावाट), महाराष्ट्र (379 मेगावाट) और आंध्र प्रदेश (357 मेगावाट) का नंबर आता है।
सरकार ने राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत वर्ष 2021-22 तक 100 गीगावाट (जीडब्ल्यू) सौर ऊर्जा पैदा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। 100 गीगावाट सौर ऊर्जा के लक्ष्य को पाने के लिए जमीन आधारित ग्रिड से जुड़ी 60 गीगावाट सौर ऊर्जा पैदा करने की परिकल्पना की गई है। इसी तरह यह लक्ष्य पाने के लिए छत पर ग्रिड इंटरैक्टिव सौर ऊर्जा के जरिए 40 गीगावाट सौर ऊर्जा पैदा करने की परिकल्पना की गई है। मंत्रालय ने देश भर में सौर ऊर्जा के उत्पादन पर नजर रखने के लिए वर्ष-वार लक्ष्य भी तय किए हैं। चालू वर्ष के लिए लक्ष्य 2,000 मेगावाट और अगले वर्ष के लिए लक्ष्य 12,000 मेगावाट है। मंत्रालय इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हरसंभव प्रयास कर रहा है। यह योजना बनाई गई है कि लगभग 18,000 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए 31 मार्च, 2016 तक निविदाएं आमंत्रित कर ली जानी चाहिए।
उपर्युक्त लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कई परियोजनाएं शुरू की हैं। सौर पार्कों एवं अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास की योजना, कम पड़ने वाली धनराशि का इंतजाम करते हुए रक्षा एवं अर्धसैनिक बलों के मंत्रालय के अधीनस्थ रक्षा प्रतिष्ठानों द्वारा ग्रिड से जुड़ी 300 मेगावाट की सौर पीवी विद्युत परियोजनाओं की स्थापना करने वाली योजना और ग्रिड से जुड़ी 15000 मेगावाट सौर ऊर्जा की स्थापना करने वाली योजना भी इन परियोजनाओं में शामिल हैं। इसके अलावा, छतों पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए मंत्रालय द्वारा एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है। इसी तरह विभिन्न राज्य सरकारें भी अपनी-अपनी नीतियों के तहत सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू कर रही हैं।
14 जनवरी, 2016 तक की स्थिति के अनुसार ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को चालू किये जाने की ताजा स्थिति का राज्यवार ब्यौरा निम्नलिखित तालिका में दिया गया है-
क्र. सं.
|
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश
|
14-01-16 तक कुल स्थापित क्षमता (मेगावाट में)
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
357.34
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
0.265
|
3
|
छत्तीसगढ़
|
73.18
|
4
|
गुजरात
|
1024.15
|
5
|
हरियाणा
|
12.8
|
6
|
झारखंड
|
16
|
7
|
कर्नाटक
|
104.22
|
8
|
केरल
|
12.025
|
9
|
मध्य प्रदेश
|
678.58
|
10
|
महाराष्ट्र
|
378.7
|
11
|
ओडिशा
|
66.92
|
12
|
पंजाब
|
200.32
|
13
|
राजस्थान
|
1264.35
|
14
|
तमिलनाडु
|
418.945
|
15
|
तेलंगाना
|
342.39
|
16
|
त्रिपुरा
|
5
|
17
|
उत्तर प्रदेश
|
140
|
18
|
उत्तराखंड
|
5
|
19
|
पश्चिम बंगाल
|
7.21
|
20
|
अंडमान एवं निकोबार
|
5.1
|
21
|
दिल्ली
|
6.712
|
22
|
लक्षद्वीप
|
0.75
|
23
|
पुडुचेरी
|
0.025
|
24
|
चंडीगढ़
|
5.041
|
25
|
दमन एवं दीव
|
4
|
26
|
अन्य
|
0.79
|
कुल
|
5129.813
|
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