गोरखपुर से शिक्षा ग्रहण करने वाले 53 साल के डॉ. नंद लाल भारती, लेखक और कवि हैं।
लोकतंत्र दीवानो। .........
अपने फ़र्ज़ को पहचानो
अब तो तुम हाशिये के
आदमी के दर्द को
पहचान लो
रिपब्लिकंन विचारधारा
लोकतंत्र को ऊँची उड़ान दो .........
हाशिये का आदमी
तुम्हारी तरफ ताक रहा है
हाशिये के आदमी और
देश को जरुरत है तुम्हारी .........
नयनज्योति तुमको जरुरत है
देश और
समतावादी समाज की .........
उठ खड़े हो जाओ प्यारे
बहुत देर हो चुकी है
और ना करो अब .........
कसम है तुम्हे
तुम्हारे होश की जोश की
लोकतंत्र की पतवार थाम लो .........
डॉ नन्द लाल भारती
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