Divya Narendra was a junior at Harvard University when he and his roommates -- twins Cameron and Tyler Winklevoss approached another student Marc Zuckerberg to program a social networking site, originally called Harvard Connection -- a matchmaking site for the university.
गैजट डेस्क। आज फेसबुक हर किसी शख्स की ज़िंदगी से जुड़ा अहम हिस्सा हो चुका है और फेसबुक के मालिक मार्क ज़ुकरबर्ग को कौन नहीं जानता है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि फेसबुक किसी अमेरिकन दिमाग की उपज नहीं बल्कि एक भारतीय दिमाग का आइडिया है।
भारतीय मूल के दिव्य नरेंद्र ही वो शख्स हैं जिनके दिमाग में एक सोशल साइट बनाने का आइडिया आया और वो अपनी सोशल साइट की प्रोग्रामिंग के लिए जुकरबर्ग के पास पहुंचे थे लेकिन इस कॉनसेप्ट पर जुकरबर्ग ने अपनी Facebook बना ली।
दरअसल नवंबर 2003 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले दिव्य नरेंद्र ने जुकरबर्ग को सोशल साइट बनाने को कहा जिसका नाम भी तय कर लिया गया था और इसे HARVARD CONNECTION का नाम देना था और कॉलेज के दूसरे छात्रों को जोड़ने के लिए इस कॉनसेप्ट पर काम करना था, जिसके लिए जुकरबर्ग तैयार भी हो गए और इसी आइडिया पर काम करते हुए ज़ुकरबर्ग ने खुद की सोशल साइट फेसबुक बना ली और 4 फरवरी 2004 को ज़ुकरबर्ग ने thefacebook.com वेबसाइट रजिस्टर करवाई जो बाद में facebook.com बन गई।
हालांकि दिव्य नरेंद्र ने ज़ुकरबर्ग पर आइडिया चुराने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया, लेकिन 2008 में दोनों के बीच समझौता हुआ जिसमें ज़ुकरबर्ग ने दिव्य नरेंद्र को 440 करोड़ रूपए और फेसबुक के 0.022 फिसदी शेयर भी दिए।
हालांकि दिव्य नरेंद्र ने ज़ुकरबर्ग पर आइडिया चुराने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया, लेकिन 2008 में दोनों के बीच समझौता हुआ जिसमें ज़ुकरबर्ग ने दिव्य नरेंद्र को 440 करोड़ रूपए और फेसबुक के 0.022 फिसदी शेयर भी दिए।