सरकार का ऐसे समग्र समाज का स्थापना करने का विजन है जिसमें दिव्यांगों को उनकी प्रगति और विकास के लिए समान अवसर और पहंच उपलब्ध कराई जाए ताकि वे उपयोगी, सुरक्षित और सम्मानित जीवन जी सकें। - थावरचंद गहलोत
जयपुर। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने जयपुर में सामाजिक क्षेत्र के मुद्दों पर संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए करते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, दिव्यांगों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों का तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास करने और सशक्तिकरण करने के लिए सरकार की नीतियों और कानूनों की समीक्षा की गई है और इन्हें तेजी से लागू करने के लिए समयबद्ध कार्य योजनाओं का मसौदा तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों के कल्याण को उच्च प्राथमिकता दी है इसलिए अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति को विभिन्न स्तरों पर बढ़ाया गया है। विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 2015-16 के दौरान 50 लाख से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचा है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने जयपुर में अखिल भारतीय क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए नया बिल अधिनियमित किया है। अब अनुसूचित जातियों के खिलाफ किये जाने वाले अनेक अपराधों को इस अधिनियम के के दायरे में लाया गया है और प्रावधानों को 26 जनवरी, 2016 से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि मैला ढोने वालों का तेजी से पुनर्वास करने के लिए उच्च स्तर पर निगरानी की जा रही है। राज्य सरकारों ने दिसंबर 2015 तक 12,226 मैला ढोने वालों की पहचान की है। सफाई कर्मचारियों की आश्रित महिलाओं के लिए न केवल रोजगार के अवसर जुटाए गए हैं, बल्कि वाणिज्यिक मोटर ड्राइविंग के लिए कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।
जनसांख्यिकीय पैटर्न और वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक नई राष्ट्रीय नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वृद्धजनों के लिए एकीकृत कार्यक्रम भी शुरू किया है और शराब और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम के लिए प्रभावी योजना शुरू की गयी है। अनुसूचित जातियों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें रियायती धन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अनुसूचित जातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि की स्थापना की गई है। जिससे अनुसूचित जातियों में विश्वास बढ़ाने के अलावा रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा। चालू वर्ष के दौरान एनबीसीएफडीसी (सितंबर 2015 तक) ने कुल 2,970.89 करोड़ रुपये वितरण किया है जिससे 19,99,519 लाभार्थियों को मदद मिली है।
थावरचंद गहलोत ने कहा कि सरकार ने डॉ. अम्बेडकर के जीवन और कार्य से संबंधित सभी प्रमुख स्थलों को स्मारकों के रूप में विकसित करने का फैसला किया है। अम्बेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर पूरे वर्ष आयोजित किये जाने वाले समारोहों के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठन किया गया है। समिति के सह-अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उद्देश्य के लिए शुरू किए जाने वाले की कल समीक्षा की। इस समारोह के एक हिस्से के रूप में 100 शोध छात्रों को 25 - 25 के चार समूहों में उच्च अध्ययन के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय अमेरिका और लंदन स्कूल ऑफ इकनोमिक्स, ब्रिटेन भेजा गया। अक्टूबर और नवंबर 2015 के महीने के दौरान, शोध छात्रों ने कोलंबिया विश्वविद्यालय, अमेरिका और लंदन स्कूल ऑफ इकनोमिक्स का दौरा किया।
ट्रांसजेंडर समुदाय के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में, उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए एक विस्तृत योजना का मसौदा तैयार किया गया है और "ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संबंधी विधेयक, 2015" का मसौदा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के कल्याण और सशक्तीकरण के उद्देश्य से अनेक गतिविधियों पर जोर दिया गया है। सरकार का ऐसे समग्र समाज का स्थापना करने का विजन है जिसमें दिव्यांगों को उनकी प्रगति और विकास के लिए समान अवसर और पहंच उपलब्ध कराई जाए ताकि वे उपयोगी, सुरक्षित और सम्मानित जीवन जी सकें। इस दिशा में उनके मंत्रालय ने एक राष्ट्र व्यापी फ्लैगशिप अभियान "सुगम्य भारत अभियान " की शुरूआत की है ताकि दिव्यांगों के लिए सार्वभौमिक पहुंच अर्जित की जा सके। इस कार्यक्रम के तहत 50 शहरों के प्रमुख भवनों को एक समयबद्ध कार्य योजना के तहत दिव्यांगों के लिए लिए सुगम्य बनाया जाएगा।
विकलांगता ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकार विधेयक, 2014 का मसौदा तैयार किया गया है और संसद के पटल पर रखने से पहले इस पर सभी हितधारकों से परामर्श किया जा रहा है। केन्द्र सरकार में दिव्यांगों के लिए निर्धारित रिक्त पदों को भरने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया गया है 12,786 रिक्त पदों को भरने के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार की गई है। दिव्यांगों के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना शुरू की गई है जिसमें अगले 3 साल के भीतर 5 लाख कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मंत्री महोदय ने कहा कि श्रव्य विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए कर्णावत प्रत्यारोपण के लिए एक नई योजना की शुरूआत पिछले साल दिसंबर में की गई है। इस शल्य क्रिया में प्रति बच्चे पर 6 लाख रुपये की लागत आती है। इस योजना से ऐसे गरीब लोग लाभांवित होंगे जिनके माता-पिता ऐसी सर्जरी की योजना बनाने में सक्षम नहीं है। पिछले साल दिसंबर में, इस योजना के शुरू होने के बाद अब तक 305 शल्य क्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। जिसके बाद ऐसे बच्चे सुधार दर्शा रहे हैं और उन्हें सुनाई देने लगा है तथा वे बोलने लगे हैं। ऐसे बच्चे गरीब परिवारों के हैं जो अब ध्वनि की दुनिया का आनंद ले रहे हैं।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने दिव्यांगों के लिए सहायता और सहायक उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। इस मंत्रालय के एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एलिम्को ने ऑटोबोक, जर्मनी मोटीवेशन, ब्रिटेन जैसी विश्व प्रसिद्ध कंपनियों के सहयोग से पिछले 20 महीनों के दौरान सहायता एवं सहायक उपकरणों के वितरण के लिए 1836 कैंप आयोजित किए गए हैं और दिव्यांगों को 5905.5 लाख रुपये की लागत के सहायक उपकरणों का वितरण किया है।
दिव्यांगों को रोजगार में मदद देने के लिए एक जॉब पोर्टल शुरू किया गया है जो सरकारी/ सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के उपक्रमों में दिव्यांगों के लिए उपलब्ध विभिन्न नौकरियों की उपलब्धता के बारे में जानकारी देगा और बेरोजगार कुशल और अर्द्ध कुशल दिव्यांगों के रोजगार नियुक्ति में मदद करेगा। थावरचंद गहलोत ने यह उम्मीद जाहिर की कि सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से एक समरूप समाज का सृजन होगा जहां सभी वंचित वर्गों को विकास के लिए समान अवसर मिलेंगे और वे समाज की मुख्य धारा में भाग ले सकेंगे।