वह महज़ 11 साल का है, नाम नयन सिन्हा, और उसने स्कूल जाने में होने वाली देरी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी और प्रधानमंत्री कार्यालय ने ना सिर्फ नयन की सुनी, बल्कि कार्रवाई के भी आदेश दिये हैं।
कुंदन मिश्र। लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले के नयन सिन्हा के स्कूल और घर के बीच में एक रेलवे ट्रैक आता है और रेलवे ट्रैक को पार करने के लिए नयन जैसे करीब 200 स्कूली बच्चों को एक लंबा रास्ता लेना पड़ता है क्योंकि वहां कोई फुट ओवर ब्रिज नहीं है। नयन ने अपनी इस समस्या से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया।
नयन सिन्हा की पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने रेल मंत्रालय से मामले का संज्ञान लेने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है। चंद्रशेखर आजाद इंटरमीडिएट कॉलेज में सातवीं कक्षा के छात्र 11 वर्षीय नयन सिन्हा ने चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री से कहा कि रेलवे ट्रैक को पार करने के लिए कोई सुलभ साधन ना होने की वजह से उसे और अन्य 200 छात्रों को लंबे रास्ते से गुजरना पड़ता है।
अब क्रॉसिंग बनाने के लिए रेलवे के सामने मुसीबत है नई नीति जिसके तहत रेलवे बिना राज्य सरकार की मांग के कोई नया ओवरब्रिज या क्रॉसिंग नहीं बना सकती है। ऐसे में अब अखिलेश यादव सरकार को इस मामले में रेल मंत्रालय को लिखना होगा फिर कहीं जाकर फुट ओवर ब्रिज बन पाएगा।
नयन के माता-पिता ने रेलवे ट्रैक पार करने से मना किया है और वह माता-पिता के आदेश का पालन कर रहा है। साथ में यह सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है कि रेलवे ट्रैक को पार नहीं करना चाहिए। ऐसे में एक लंबा रास्ता लेने से उसे स्कूल पहुंचने में अक्सर देरी हो जाती है और उसकी सज़ा भुगतनी पड़ती है और इसी को लेकर उसने पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी को यह चिट्ठी लिखी।
नयन तो भूल गया था कि उसने कोई चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन दो दिन पहले डिवीजनल इंजीनियर का पत्र आया और इसमें उसकी चिट्ठी का भी जिक्र था। नयन के पिता आशुतोष का कहना है कि रेलवे ट्रैक घर से 100 मीटर की दूरी पर है लेकिन नयन को 2 किलोमीटर दूर रेल क्रॉसिंग से होकर स्कूल जाना होता है।