Ramgopal Yadav wrote a emotional letter to Mulayam Singh yadav
लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान ने उत्तर प्रदेश चुनाव और भी रोचक बना दिया है. साथ ही भाजपा खेमे में बांछे खिलने जैसा माहौल बन रहा है. क्योंकि खबरज़ोन लगातार आपको ये बता रहा है कि सपा के गृह युद्ध में घायल या फिर मौके का फायदा उठा कर कौन कौन भाजपा के घर में घुसपैठ करने की तैयारी कर रहा है. इधर रामगोपाल यादव की बर्खास्तगी ने परिवार में ही मान-सम्मान की लड़ाई शुरू हो चुकी है. आज रामगोपाल यादव ने बर्खास्तगी के बाद जिस तरह का पत्र लिखा है उसमे उन्होंने बड़ी सादगी के साथ सारा आरोप मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के ऊपर भाजपा नेताओं पे मढ़ दिया.
उनका लिखा हुआ पत्र नीचे आप भी पढ़ सकते हैं.
नेता जी श्री मुलायम सिंह यादव ना सिर्फ मेरे बड़े भाई हैं, बल्कि राजनीति में मेरे गुरू ही रहे हैं और रहेंगे। मैं ता उम्र उनका सम्मान करता रहूंगा, इस वक्त वो ज़रूर कुछ आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं। जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे, तब उन्हें सच्चाई का एहसास होगा। मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं पर इस घर्म युद्ध में, मैं श्री अखिलेश यादव के साथ हूं और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने तक रहूंगा।
मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहीं है, मेरे ऊपर जो घटिया आरोप लगाए गए हैं, उससे मुझे जरुर पीड़ा हुई है।
लोकतात्रिंक राजनीति में अन्य दलों के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं है। सैफई में एक पारिवारिक समारोह में, प्रधानमंत्री को बुलाने के लिए जरूर मैं नेता जी के साथ मोदी जी से मिला था। पिछले दिनों बीजेपी के एक सांसद ने पहले शिवपाल सिंह के पुत्र की शादी के उपलक्ष में भोज दिया था, फिर पार्टी के ही एक एमपी ने भी बीजेपी के उस सांसद के स्वागत में भोज दिया था। माननीय नेता जी व शिवपाल जी दोनों उसमें बराबर रहे थे। ये बातें उठाना भी घटिया सोच को दर्शाता है।
मैं फिर समाजवादी साथियों से अपील करुंगा कि वे किसी धोखे या भ्रम में नहीं पूरी ताकत से अखिलेश के साथ जुटें ताकि राजनीति के दलाल अखिलेश को हराने की अपनी कोशिश में कामयाब ना हों।
रामगोपाल यादव
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