corona vaccine: AIIMS to submit proposal for phase 3 trials of covaxin next week.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के वैक्सीन के लिए पूरी दुनिया में युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसके वैक्सीन का निर्माण करने में जुटे हैं। AIIMS अगले सप्ताह की शुरुआत में भारत बायोटेक द्वारा तौयार की जा रही कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को संस्थान की 'आचार समिती' के सामने पेश कर सकता है, ताकि अस्पताल में तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण शुरू करने की अनुमति मिल सके। भारत बायोटेक को पिछले सप्ताह 'ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया' से उसके द्वारा तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण की अनुमित मिली। भारत भर में परीक्षण आयोजित किए जाने वाले केंद्रों में एक एम्स दिल्ली भी है।
एम्स दिल्ली के सामुदायुक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने इस बात की पुष्टि की कि तीसरे चरण के परीक्षणों के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और कुछ दिनों के भीतर हम इसे मंजूरी के लिए संस्थान की 'आचार समिती' को सौंप देंगे। डॉ राय अस्पताल में 'कोवैक्सीन' परीक्षण के लिए मुख्य अन्वेषक भी हैं।
किसी भी स्वीकृत स्थलों पर परीक्षण शुरू करने के लिए संस्थान की 'आचार समिति' की मंजूरी लेना अनिवार्य है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), जो देश का बायोमेडिकल रिसर्च रेगुलेटर है, उसके द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, 'आचार समिति' के लिए आवश्यक है कि वह नैदानिक अनुसंधान की देखरेख करे और परीक्षण शुरू करने की अनुमति देने से पहले किसी भी स्वीकृत स्थल पर प्रस्ताव की गहन समीक्षा करे।
एम्स की आचार समिती में 15 सदस्य हैं और इससे आवश्यक मंजूरी मिलने में लगभग 10-14 दिन लगने की उम्मीद है। डॉ राय ने बताया, प्रस्ताव कम से कम 200-300 पन्नों का होगा और इसके ठीक से गुजरने में समय लगता है। विचार यह है कि अंतराल की समीक्षा की जाए और देखा जाए कि सभी चिंताओं का इसमें समाधान हो। पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए डॉ राय की टीम ने 30 जून को समिति को प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और इसे 18 जुलाई को मंजूरी मिली। 'आचार समिति' से मंजूरी मिलते ही आगामी तीसरे चरण के परीक्षण के लिए एम्स 2,000 से 5,000 प्रतिभागियों को भर्ती करने की योजना बना रहा है।