millions of up people remained in the dark all night the effect of the strike of the electricity workers
लखनऊ: मेरठ में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी है। पीवीवीएनएल कर्मी ऊर्जा भवन पर धरना दे रहे हैं। वहीं, लखनऊ में भी बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार से राजधानी के वीआईपी इलाकों की बिजली सप्लाई प्रभावित है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्या, मोहसिन रजा सहित दो दर्जन मंत्रियों की बिजली प्रभावित रही।
इधर मेरठ में कैश काउंटर और कार्यालय बंद होने से लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। जिला प्रशासन की निगरानी में संविदा कर्मियों और पूर्व सैनिकों ने बिजली आपूर्ति की कमान संभाल रखी है।
बता दें कि सोमवार देर शाम ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, यूपी के पदाधिकारियों की लंबी वार्ता में निजीकरण न किए जाने पर सहमति तो बन गई। लेकिन, पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने यह कहते हुए दस्तखत करने से इन्कार कर दिया कि दो-तीन दिन का समय चाहिए। इससे नाराज बिजली कर्मचारी नेताओं ने कॉर्पोरेशन प्रबंधन पर अनावश्यक टकराव पैदा करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन जारी रखने का फैसला किया। बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण राजधानी समेत प्रदेश में कई क्षेत्रों में आपूर्ति प्रभावित हुई है। राजस्व वसूली पर भी प्रभाव पड़ा है। पूर्वांचल में कार्य बहिष्कार का व्यापक असर रहा।
वहीं 60 से अधिक विधायकों, विधान परिषद सदस्यों की बिजली सप्लाई भी बाधित रही। कांग्रेस मुख्यालय, वीआईपी गेस्ट हाउस, मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम में बिजली न होने से काम प्रभावित हुए। इसके साथ ही पूर्वांचल के जिलों खासकर वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, भदोही, संतकबीरनगर आदि में आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने की सूचना है। कामकाज ठप रखने की वजह से राजस्व वसूली पर भी असर पड़ा है।