Finance Minister Nirmala Sitharaman chairing the GST Council meeting via video conferencing in New Delhi.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार राज्यों को आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 12,00 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराएगी। कर्ज 50 साल की अवधि का होगा और यह पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिए दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को इस योजना की घोषणा की।
इस योजना का घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि, 12,000 करोड़ रुपए की राशि में से 1,600 करोड़ रुपए पूर्वोत्तर राज्यों को और 900 करोड़ रुपए उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, 7,500 करोड़ रुपए की राशि शेष राज्यों को दी जाएगी। वहीं, 2,000 करोड़ रुपए उन राज्यों को दिए जाएंगे जिन्होंने पहले बताए गए सुधारों को पूरा कर लिया होगा।
इस योजना के बारे आगे बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि, पूरी राशि नई या मौजूदा पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च की जा सकगी। राज्य ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं के लिए बिलों का निपटान भी इससे कर सकते हैं, लेकिन पूरी राशि का भुगतान 31 मार्च 2021 से पहले करना होगा।
इसके आगे सीतारमण ने कहा कि, यह कर्ज राज्यों की उधारी सीमा से अलग होगा। 50 साल बाद राज्यों को इसका भुगतान एख बार में करना होगा। वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा 25,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त पूंजीगत व्यय की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह अतिरिक्त राशि सड़क, रक्षा ढांचे, जलापूर्ति और शहरी विकास पर खर्च की जाएगी। यह .13 लाख करोड़ रुपए के निर्धारित बजट के अतिरिक्त होगी।