Barack Obama says Congress leader Rahul Gandhi has a "nervous, in 'A Promised Land' book.
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) की आत्मकथा ' A Promised Land' में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर जिक्र किया गया है। जिसके बाद सियासी संग्राम तेज हो गया है, कई नेताओं ने इसपर राहुल गांधी की चुटकी ली है। दरअसल, इस किताब में ओबाना ने राहुल को कम योग्यता बताते हए कहा है कि उनमें जुनून की कमी है।
राहुल गांधी को बताया नर्वस
बराक ओबामा (Barack Obama) ने अपनी किताब में राहुल गांधी की तुलना छात्र से की है। उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी एक ऐसे छात्र जैसे हैं जिसने कोर्सवर्क तो किया है और शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उत्सुक भी रहता है लेकिन इस विषय में महारत हासिल करने के लिए या तो योग्यता नहीं है या फिर जुनून की कमी है। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को नर्वस भी बताया है।
बताते चलें कि, जब बराक ओबामा 2017 में भारत दौरे पर आए थे, तब उस समय उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने अपनी किताब में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी जिक्र करते हुए उनकी तारीफ की है। मनमोहन सिंह के बारे में लिखा है कि उनमें एक तरह की अगाध निष्ठा है।
पुतिन की तुलना की स्ट्रीट-स्मार्ट बॉसेज से
ओबामा ने अपनी किताब में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीते जो बाइडेन का जिक्र करते हुए उन्हें सभ्य व्यक्ति बताया है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तुलना स्ट्रीट-स्मार्ट बॉसेज से की है। उन्होंने लिखा कि पुतिन एक समय में शिकागो को चलाने वाले स्ट्रीट-स्मार्ट बॉसेज की याद दिलाते हैं।
बराक ओबाम के इस टिप्पणी के बात कई नेताओं ने ली राहुल की चुटकी
बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि, मैं राहुल पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, जब दुनिया के बड़े लोगों ने राहुल जी की बुद्धिमानी को इस तरह से रखा है। इसके बाद इनकी बुद्धि पर किसी को टिप्पणी करने का आधार नहीं है। जब आलू की फैक्ट्री लगा रहे थे। तब भी टिप्पणी करते थे। जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा था, तब वह फोटो सेशन कर रहे थे। इसीलिए ओबामा ने इनकी बुद्धि पर टिप्पणी की थी। अब तो समझो विदेश में भी अब इज्जत मिल रही है।
खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर राहुल पर चुटकी लेते हुए लिखा कि, राहुल गांधी को लेकर ओबामा की राय: "राहुल गांधी में एक तरह की नर्वसनेस और कच्चापन नजर आता है, जैसे किसी छात्र ने अपने शिक्षक को प्रभावित करने के लिए खूब पढ़ाई की हो लेकिन कहीं न कहीं उस विषय पर मास्टरी करने का उसमें दिलचस्पी या जुनून न हो”