After Gurjar Aandolan now Jat Community warns to Ashok Gehlot government to agitation.
राजस्थान: राज्य में गुर्जर आंदोलन (gurjar agitation 2020) को पांच दिन हो चुके हैं। लेकिन फिलहाल तक कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। अब इस बीच गहलोत सरकार के लिए एक और मुश्किल खड़ी होने वाली है वो यह कि, अब गुरुवार को जाटों (jat community news) ने भी राज्य सराकर को चेतावनी देते हुए जल्दी ही आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।
भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य सरकार पर वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 में हुए जाट आंदोलन समझौता वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों को आबीसी वर्ग में केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए सिफारिश चिट्ठी लिखेगी।
आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमों को वापस लिया जाएगा। साथ ही चुने गए अध्यार्थियों को नियुक्ति दी जाएगी, मगर दो साल होने के बाद भी कोई भी वादा पूरा नहीं हो सका है, लिहाजा मजबूरी वश आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ रहा है।
वहीं, खबरों की माने तो जल्द ही जाट नेता मिटिंग करके आंदोलन की राणनीति बना सकते हैं। इसके लिए पहली पंचायत आगामी 18 नवंबर को गांव पथैना में आयोजित होगी। उसके बाद कई बड़े गांव में पंचायत आयोजित होगी। साथ ही आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। जाट नेताओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वो हमारी मांगों की ओर ध्यान दें, ताकि समाज के लोगों का रोष उनके प्रति ना बढ़ता दिखाई दे।