Lucknow Bakshi Ka Talab: Tubewells have been damaged for 15 years, farmers have problems with irrigation, not hearing even after complaints.
लउनऊ/ब्यूरो रिपोर्ट खबर जोन: जहां सरकार किसानों की आय दोगुना करने का दावा करती है वहीं बक्शी का तालाब के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही, फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को बहुत दिक्कत होती है। छठामील के लक्ष्मीपुर और मुंशीखेड़ा गांवों में सालों से ट्यूबवेल खराब होने के कारण किसान परेशान हैं। प्राइवेट ट्यूबवेल से पैसा देकर प्रति घंटे के हिसाब से खेतों में पानी लगाना पड़ता है तब जाकर किसान फसल उगा पाते हैं। नलकूप विभाग और तहसील दिवस में कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी सरकारी ट्यूबवेल को नहीं बनवाया गया।
15 साल से खराब है ट्यूबवेल, किसानों को सिंचाई में दिक्कत, कई बार शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई।@UPGovt @spshahibjp @AgriGoI @CMOfficeUP @drdineshbjp @anandibenpatel @mla_avinash pic.twitter.com/1u3foGEjA1
— Khabar Zone (@KhabarZone) November 12, 2020
लक्ष्मीपुर गांव के किसान प्रमोद ने बताया कि 15 सालों से पांच नम्बर ट्यूबवेल खराब पड़ा है, कई बार शिकायत के बाद भी कोई देखने तक नहीं आया। वहीं दूसरे किसान चंद्रशेखर प्रजापति ने बताया कि कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है, प्रधान से भी शिकायत की पर कोई जवाब नहीं मिला, 200 रुपए प्रति घंटा पानी खरीदना पड़ता है जिससे सिंचाई करने में बहुत दिक्कत होती है।
मुंशीखेड़ा के किसान सुशील कुमार तिवारी ने बताया कि मुंशीखेड़ा का सरकारी ट्यूबवेल करीब 2 सालों से खराब पड़ा है, सिंचाई करने में बहुत दिक्कत होती है, प्राइवेट ट्यूबवेल से पानी खरीदना पड़ता है। लक्ष्मीपुर के किसान विनोद कुमार रावत ने बताया कि सरकारी नलकूप 15 सालों से खराब पड़ा है, सिंचाई के लिए प्राइवेट ट्यूबवेल से दूर से पानी लाना पड़ता है। प्राइवेट ट्यूबवेल वाले मनमाना पैसा लेते हैं जिससे सिंचाई बहुत महंगी हो जाती है। प्राइवेट ट्यूवेल से पानी 200 रुपए प्रति घंटा मिलता है।
लक्ष्मीपुर और मुंशीखेडा़ के किसान सरकारी ट्यूबवेल खराब होने के कारण सालों से सिंचाई के लिए पैसा देकर प्राइवेट ट्यूबवेल से सिंचाई के लिए पानी लगाते हैं। कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।