CONGRESS LEADER LALAN KUMAR FULFILLED HIS PROMISE WITH ELDERLY FATHER OF A DAUGHTER
लखनऊ । कलयुग में लोग जहां अपनों का साथ नहीं देते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया संयोजक ललन कुमार ने इंसानियत की मिसाल कायम की है। रामगोविंद यादव जो अब इस दुनिया में नहीं रहे पर उनसे ललन कुमार ने बेटी की शादी कराने का वादा किया था, जिसको उन्होंने बखूबी निभाया। कलयुग में जहां भाई भाई का नहीं होता है वहां ललन कुमार लोगों की हर तरह से मदद करके इंसानियत की मिसाल कायम कर रहे हैं।
बक्शी का तालाब के भीखमपुर में स्वर्गीय रामगोविंद यादव की बेटी बबली की शादी का खर्चा ललन कुमार ने उठाया और गांव के लोगों से भी मदद के लिए आगे आने को प्रेरित किया। ललन कुमार के साथ सब लोगों ने मिलजुलकर गांव की बेटी की शादी धूमधाम से सम्पन्न करवाई। दुल्हन की मां सुशीला कहती है ललन कुमार हमारे लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं, हम लोगों की बहुत मदद की है, रामगोविंद जब दुनिया में थे तब भी मदद करते थे और उनके निधन के बाद से हम लोग बहुत परेशान थे, पर ललन भईया खुद आए और अपने वादे को निभाते हुए बेटी की शादी करवाई।
दुल्हन के दादा शिवप्रसाद बहुत बूढ़े है उनका सहारा उनका बेटा रामगोविंद अब इस दुनिया में नहीं है, वो जब ललन कुमार को देखते हैं तो उनको अपने बेटे की कमी का एहसास कम होता है। ललन कुमार रामगोविंद से किया वादा निभाकर बेटे की जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे हैं। बुजुर्ग शिवप्रसाद बताते हैं कि ललन कुमार ने शादी में हर तरह से मदद की और अपने लोगों को भी यहां पर काम देखने के लिए लगाया है।
नई जिंदगी की शुरुवात के दौरान दुल्हन बबली के सिर पर पिता का साया नहीं है। ललन कुमार ने दुल्हन बबली को पिता की कमी का एहसास नहीं होने दिया और पिता से किए गए वादे को पूरा करके जिम्मेदारियों को निभाया।
वाकई में ललन कुमार ने स्वर्गीय रामगोविंद की बेटी की शादी कराने का जो बीड़ा उठाया था उसको पूरा भी किया, ललन कुमार की इस दरियादिली की चर्चा बक्शी का तालाब इलाके में हो रही है कि बिना की रिश्ते के ललन कुमार ने इंसानियत के नाते वो कर दिखाया और आज के जमाने में अपने भी नहीं कर पाते हैं।
लखनऊ से मनीष सिंह की रिपोर्ट
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- ललन कुमार ने इंसानियत की मिसाल कायम की
- भीखमपुर में रामगोविंद की बेटी की शादी कराई
- रामगोविंद से किया वादा ललन कुमार ने निभाया
- शादी में पहुंचकर ललन कुमार ने शुभकामनाएं भी दी
दुल्हन के दादा शिवप्रसाद बहुत बूढ़े है उनका सहारा उनका बेटा रामगोविंद अब इस दुनिया में नहीं है, वो जब ललन कुमार को देखते हैं तो उनको अपने बेटे की कमी का एहसास कम होता है। ललन कुमार रामगोविंद से किया वादा निभाकर बेटे की जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे हैं। बुजुर्ग शिवप्रसाद बताते हैं कि ललन कुमार ने शादी में हर तरह से मदद की और अपने लोगों को भी यहां पर काम देखने के लिए लगाया है।
नई जिंदगी की शुरुवात के दौरान दुल्हन बबली के सिर पर पिता का साया नहीं है। ललन कुमार ने दुल्हन बबली को पिता की कमी का एहसास नहीं होने दिया और पिता से किए गए वादे को पूरा करके जिम्मेदारियों को निभाया।
वाकई में ललन कुमार ने स्वर्गीय रामगोविंद की बेटी की शादी कराने का जो बीड़ा उठाया था उसको पूरा भी किया, ललन कुमार की इस दरियादिली की चर्चा बक्शी का तालाब इलाके में हो रही है कि बिना की रिश्ते के ललन कुमार ने इंसानियत के नाते वो कर दिखाया और आज के जमाने में अपने भी नहीं कर पाते हैं।
लखनऊ से मनीष सिंह की रिपोर्ट
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