LUCKNOW. The Bhikhampur-Mahigwan Means Cooperative Society of Bakshi Ka Talab did not open even after the complaints of the farmers.
लखनऊ के बक्शी का तालाब के महिगवां-भीखमपुर गांव में करोड़ों की लागत से बनी साधन सहकारी समिति धीरे-धीरे खंडहर में तबदील हो रही है। किसानों की अफसर कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं, कई बार शिकायत के बाद भी साधन सहकारी समिति को अफसर नहीं खोल रहे हैं। जहां इस समिति में हजारों क्विंटल गेंहू और धान की खरीद होती थी, किसानों को यूरिया, डाया और बीज सहुलित से मिल जाती थी अब समिति बंद होने से किसानों को कई किमी दूर जाना पड़ता है और कड़ी मशक्कत के बाद खेती के लिए सामान मिल पाता है।
- किसानों की नहीं हो रही सुनवाई
- कई बार शिकायत के बाद भी नहीं खुली समिति
- अफसरों ने साधन सहकारी समिति को बंद किया
- अफसरों की लापरवाही, सरकार की अनदेखी जारी
किसान गौतेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि दो बार शिकायती पत्र देने के बाद भी साधन सहकारी समिति को नहीं खोला गया, पहली बार ऑनलाइन शिकायत की तो जवाब मिला की पीसीएफ को समिति खोलने के लिए निर्देशित किया गया है, पर समिति को नहीं खोला गया फिर दोबारा शिकायत की तो जवाब मिला सीएमआर बकाया होने के कारण केंद्र नहीं खोला गया है। पहाड़पुर जाकर धान बेच सकते हैं, पहाड़पुर केंद्र पर किसानों का धान लेने में बहुत आनाकानी हो होती है, वहां रख-रखाव का हवाला दिया जाता है। देखने वाली बात यह है कि दो बार शिकायत हुई हल कोई नहीं निकला। साधन सहकारी समिति बंद पड़ी है और दोनों शिकायतों का निस्तारण भी हो गया। अफसरों की लापरवाही का नतीजा किसान भुगत रहे हैं। किसानों की आय कैसे दोगुनी कर रहे हैं।
गौतेंद्र आगे बताते हैं कि सिंघामऊ में क्रय केंद्र इसलिए खोला गया है कि बिचौलियो और दलालों की बल्ले-बल्ले हो सके, अफसरों की मिलीभगत से सिंघामऊ में केंद्र खोला गया है। दूर केंद्र बनाए जाने से पूरे इलाके के हजारों हजार किसान परेशान हैं।
वहीं दूसरे किसान जगदीश बताते हैं कि यहां का सेंटर बंद होने से बहुत परेशानी हो गई है। सिंघामऊ जाने में बहुत लागत लग रही है और वहां पर दलाल और बिचौलियो का धान खरीदा जा रहा हम लोगों से पैसे की डिमांड होती है। हम लोगों का धान सड़ रहा है, दो क्विंटल धान बेचे तब खाद की बोरी खरीद पाएंगे। अगली फसल बोने के लाले लग गए हैं।
गौरतलब है कि भीखमपुर-महिगवां साधन सहकारी समिति नहीं खुलने से पूरे इलाके के किसान परेशान है। सरकार, सांसद और विधायक कोई भी उनकी समस्या को सुनने वाला है। अफसरों से शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
लखनऊ से मनीष सिंह की रिपोर्ट
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