Adityanath said opposition parties which have backed the Bharat Bandh call on Tuesday should apologise before the nation
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस समेत राजनीतिक दलों के कृषि कानूनों का विरोध करने और आठ दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करने को दोहरा रवैया बताया है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक दलों के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। कांग्रेस जिस कानून का विरोध कर रही है वही कानून यूपीए सरकार में लेकर आई थी और अब इसका विरोध कर रही है। यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों को पत्र लिखा था और एपीएमसी एक्ट को किसानों के लिए फायदेमंद बताया था।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले छह वर्षों में किसानों की भलाई के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं और अब जब केंद्र की मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए कृषि कानून लागू कर रही है तो वो भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल किसानों को अपना हथियार बनाते रहें हैं। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में भी एपीएमसी एक्ट लाने की बात कही थी। यूपीए शासन के दौरान सभी पार्टियों ने एपीएमसी एक्ट को लागू करने का समर्थन किया था पर अब वो इसका विरोध कर रहे हैं।
गौरतलब है कि यूपी में विपक्षी दल किसानों के मुद्दे पर सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी एपीएमसी एक्ट का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बातचीत के लिए सारे रास्ते खुले रखे हैं। राजनीतिक दलों को यूपीए सरकार के दौरान इन कानूनों का समर्थन करने के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी किसान यात्रा में शामिल होने के लिए कन्नौज जाने वाले थे लेकिन उन्हें लखनऊ में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के तीनों बिल किसानों को बर्बाद कर देंगे। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात की थी पर अब उनकी जमीन छीन रही है। अखिलेश यादव पर देर शाम FIR भी दर्ज की गई