LUCKNOW Bakshi ka talab paddy farmers upset, paddy not being purchased at purchasing centers
लखनऊ । राजधानी लखनऊ से चंद किमी दूर बक्शी का तालाब के महिगवां गांव में सरकार के धान क्रय केंद्र के दावे की पोल खुल गई, सरकार किसानों के प्रति कितनी गंभीर है इसकी हकीकत महिगवां गांव में देखने को मिलती है। महिगवां से क्रय केंद्र को हटाकर करीब 25 किमी दूर सिंघामऊ गांव में बना दिया गया है, जिससे महिगवां और आसपास के किसानों की परेशानियां बहुत बढ़ गई हैं। विधायक और सांसद को किसानों की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है, चुनाव जीतने के बाद गांव में झांकने तक नहीं गए तो परेशानियों को कैसे समझेंगे। किसानों को औने-पौने दामों पर धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
- महिगवां गांव में धान किसानों का बुराहाल
- महिगवां से हटाकर सिंघामऊ में बनाया धान केंद्र
- केंद्र पर किसानों का धान नहीं लिया जा रहा
- औने-पौने दामों पर किसान धान बेचने को मजबूर
महिगवां गांव के किसान राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सिंघामऊ क्रय केंद्र से टोकन दे दिया गया पर खरीद के लिए आज-कल बताया जाता है, करीब महीने भर से ऊपर हो गया पर खरीद नहीं हो रही। अगली बुआई के लिए परेशानी खड़ी हो गई है, धान की बेल्ड से हटाकर सिंघामऊ में क्रय केंद्र बना दिया गया।
किसान राजेंद्र कुमार सिंह आगे बताते हैं कि 150 किसान होंगे जिनका धान नहीं खरीदा जा रहा है, छोटे हो या बड़े सभी किसानों को मजबूरन औने-पौने दाम पर धान बेचना पड़ रहा है। राजेंद्र कहते हैं कि हरियाणा और पंजाब के किसान सही कर रहे हैं, कम से कम अपनी बात तो सरकार तक पहुंचा रहे हैं।
महिगवां गांव के दूसरे किसान राम सिंह ने बताया कि जब धान बिकेगा तभी तो हम दूसरी खेती कर पाएंगे, जब तक पैसा नहीं होगा तो दूसरी फसल कैसे बोए। सारे सेंटर को बंद कर दिया गया है सिर्फ दो क्रय केंद्र ब्लाक स्तर पर खोले गए हैं। किसानों का धान घरों में पड़ा है, उनकी खरीद नहीं की जा रही है।
महिगवां गांव में किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही एक तो क्रय केंद्र वहां से हटा दिया गया और तो और सिंघामऊ में धान की खरीद के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार, सांसद और विधायक कोई भी उनका पुरसाहाल लेना वाला नहीं है।
लखनऊ से मनीष सिंह की रिपोर्ट
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज और ट्विटर पेज पर फॉलो करें