LUCKNOW. Terror of holiday animals in Khesrawan village of BKT, farmers are waking up overnight and saving crops
लखनऊ । बक्शी का तालाब के खेसरावां गांव के किसान भीषण सर्दी में रात-रातभर जागकर अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों पर रूकते हैं, छुट्टा जानवरों के कारण खेसरावां गांव के ग्रामीणों को बहुत परेशानी हो गई है, किसानों के मुताबिक दिन में खेती-किसानी करते हैं और रात-रात भर जागकर अपनी फसलों को छुट्टा जानवरों से बचाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं, एक बार छुट्टा जानवरों को बाड़े में बांध दिया था तो उनके मालिक लोग सुबह आकर ले गए थे, उन लोगों ने कहा था दोबारा जानवर आए तो बताना और फिर दूसरी रात को जानवरों ने खेतों में हमला बोल दिया था।
- बीकेटी के खेसरावां गांव में छुट्टा जानवरों का आतंक
- छुट्टा जानवरों से किसानों की रातें हो रही हराम
- सर्दी में रात में फसलों को बचाने में जुटे किसान
- कई बीघा फसलों को छुट्टा जानवरों ने किया बर्बाद
गांव की बुजुर्ग श्यामा और जलना ने बताया कि रात-रात भर जागकर खेतों को बचाना पड़ता है, इटौंजा के लोगों की गायों का झुंड हम लोगों के खेतों को बर्बाद करता है, हम लोगों की की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दिन में कोई गाय नहीं आती हैं रात में गायों का झुंड फसलों को बर्बाद कर देता है।
गांव के प्यारेलाल ने बताया कि छुट्टा जानवरों ने उनके सारे खेतों को बर्बाद कर दिया है, दोबारा से खेत में फसलों को बोया है, हम लोगों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिनकी गायें हैं अगर बांध लो तो छुड़ाकर ले जाते हैं, हम लोगों का भी इटौंजा आना-जाना होता है अगर कुछ करते हैं तो वो लोग हम लोगों को इटौंजा में घेर लेंगे।
फसलें बर्बाद होने से परेशान अजय शर्मा ने बताया कि इटौंजा से करीब 40-50 गायों का झुंड रात में 11 बजे आता है और सुबह 4 बजे के बाद चला जाता है और इस दौरान हम लोगों के खेतों में फसलों को बर्बाद कर देती हैं। गांव के लोग ठंड में रात-रातभर यहां पर अपनी खेती को छुट्टा जानवरों से बचाते हैं, गायों को अगर हम लोग बांध लेते है तो वो लोग उनको लेकर चले जाते हैं, वो लोग अपनी गायों को नहीं बांधते हैं और रात में खुला छोड़ देते हैं। जब एक बार गायों को बांधा तो उन लोगों ने हम पर चोरी का आरोप लगाया, इटौंजा हम लोगों को भी जाना पड़ता है तो इसलिए पुलिस से शिकायत नहीं की।
किसान शिवनाथ ने बताया कि जब खेत में कुछ होगा ही नहीं तो क्या करेंगे, क्या खाएंगे, फसलों को बचाने के लिए रात-रातभर परेशान होना पड़ता है, इटौंजा इलाके से गाये आती हैं अगर उनको बांध लो तो उनको पालने वाले गायों को छुड़ाकर ले जाते हैं। किसान महेंद्र ने बताया कि उधार पैसा लाकर मटर को बोया था, गायों ने सारी मटर को चर डाला, दोबारा फिर उधार लाकर गेंहू को बोया है वो भी नहीं बच रहा है, रात में गायें आती हैं और फसलों को बर्बाद कर देती हैं।
गौरतलब है इस सरकार में किसानों की परेशानी को छुट्टा जानवरों ने बढ़ा दिया है, जहां गायों के लिए आश्रय और बाड़े बनाए जा रहे हैं फिर भी किसान छुट्टा जानवरों से फसलों को बचाने के लिए रात-रात भर खेतों में जागकर बिता रहे हैं और इनकी समस्या को दूर करने वाला कोई नहीं हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट खबर जोन