Muzaffarnagar. Prepare Delhi Cooch on January 25 against all three agricultural laws: Farmer leader Naresh Tikait
मुजफ्फरनगर । सिसौली में भाकियू की मासिक पंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि ऐसा लगता है कि जैसे किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी के अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को पकड़ लिया हो। अब किसान अपने ट्रैक्टर के दोनों ओर तिरंगा झंडा लगाकर दिल्ली कूच की तैयारी करें और केंद्र सरकार को इसका जवाब दें।
- केंद्र सरकार तीनों कृषि बिल वापस लें- नरेश
- किसानों के हित में नहीं हैं तीनों कृषि कानून- नरेश
- एमएसपी की गारंटी सरकार क्यों नहीं दे रही?- नरेश
- 26 जनवरी को ऐतिहासिक परेड में जरूर भाग लेंगे-नरेश
किसान नेता चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने कसम खा ली है कि वह इन किसान विरोधी तीन कानूनों को वापस नहीं लेंगे लेकिन किसान प्रधानमंत्री की इस जिद के आगे झुकने वाले नहीं है। हालांकि किसान प्रधानमंत्री का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन चाहते हैं कि प्रधानमंत्री, भारत की सरकार इन तीन कानूनों को वापस ले, एमएसपी की गारंटी दे, तभी किसान दिल्ली से वापस अपने घरों को लौटेंगे।
नरेश टिकैत किसान नेता ने कहा कि अगर 19 जनवरी को किसानों और केंद्र सरकार के बीच समझौता भी हो जाता है तो 26 जनवरी के ऐतिहासिक परेड में किसान जरूर भाग लेंगे। यह आजादी के बाद आज तक के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक परेड होगी, जिसे भविष्य में इतिहासकार अपने-अपने अंदाज किसान और प्रधानमंत्री की हठधर्मिता के रूप में लिखेंगे।
चौधरी नरेश टिकैत ने पंचायत के सभी किसान से अनुरोध किया कि अपने-अपने क्षेत्र से 25 तारीख में ही ट्रैक्टर पर दो-दो तिरंगे झंडे लगाकर यहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। चाहे आप किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन करते हो, सभी किसान तिरंगे रंग में रंग जाओ और हम सभी को अपने-अपने मतभेद भुलाकर इस आंदोलन को ऐतिहासिक बनाना है।
25 जनवरी को सुबह 10-11 बजे सभी किसान अपने अपने क्षेत्र से दिल्ली के लिए निकलेंगे। चौधरी टिकैत ने कहा कि 54 दिन के धरने में लगभग 70 किसान भाइयों ने शहादत दी है, ऐसी कड़कती ठंड में सरकार किसान की हिम्मत को नहीं हरा पाई है, सरकार ने आज तक किसानों की शहादत पर कोई अफसोस नहीं किया है। चौधरी नरेश टिकैत ने आह्वान किया कि हर घर से एक किसान अपने ट्रैक्टर के साथ दिल्ली के लिए कूच करेगा, रास्ते में कुछ भी बाधा आए, सभी बाधाओं को दूर करते हुए इस बार इस गणतंत्र दिवस की परेड को इतिहास में दर्ज कराना है, किसान इस आंदोलन से बिल वापसी के बाद ही घर वापसी करेगा।
टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर विभिन्न प्रकार के झूठे आरोप लगा रही है, जिन से किसानों को बहुत दुख पहुंचा है। क्या केंद्र सरकार का कोई प्रतिनिधि यह बता सकता है कि विदेशों से किस किसान के खाते में कितना धन आया है। किसान तो अपने घर पर भी रोटी खा रहा था और आंदोलन में भी रोटी ही खा रहा है। फर्क इतना है कि अब लोग गांव-गांव इकट्ठे होकर आंदोलनकारी किसानों के लिए राशन मुहैया करा रहे हैं। चौ टिकैत ने केंद्र सरकार द्धारा किसान आंदोलन में नामित 40 प्रतिनिधियों में से अधिकतर किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा किसान इन मुकदमों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट खबर जोन
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