LUCKNOW. Rajya Sabha MP Sanjay Singh described the incident in Ghaziabad as not an accident, a case of murder should be registered against those resp
लखनऊ । आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने गाजियाबाद की घटना पर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि गाजियाबाद के बंबा रोड स्थित श्मशान में लेंटर गिरने से 25 लोगों की मौत कोई हादसा नहीं है, यह हत्या है। योगी सरकार में जारी निविदा प्रक्रिया के भ्रष्टाचार से महज 15-20 दिन पहले बना लेंटर गिर गया और ऐसी दुखद घटना घटी। ऐसे में इस भ्रष्टाचार में संलिप्त हर व्यक्ति पर हत्या का मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेजा जाना चाहिए। दोषी चाहे जो भी हों, नेता, अफसर या ठेकेदार। जनता सब पर कार्रवाई चाहती है।
- हादसा नहीं, हत्या है गाजियाबाद की घटना- संजय सिंह ॉ
- जिम्मेदारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करें- संजय सिंह
- मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ का मुआवजा दें- संजय
- किसानों की लाशें गिन रही बीजेपी सरकार – संजय सिंह
उन्होंने कहा, घटना में जान गंवाने वाले हर शख्स के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए, घायलों को इलाज एवं पुनर्वास के लिए 10 से 15 लाख रुपये दिए जाएं। साथ ही इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो। एसआईटी गठित करके जांच का कोरम न पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता यह जानना चाहती कि सरकार मामले की जांच किस एजेंसी से कराएगी।
उन्होंने किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार को घेरा। बोले, उद्योगपतियों की गुलाम सरकार को किसानों की पीड़ा से कोई मतलब नहीं है। संवेदनहीन सरकार सिर्फ लाशें गिनने का काम कर रही है। सोमवार को हो रही केंद्र सरकार एवं किसानों की वार्ता को अंतिम मानकर मोदी सरकार से तीनों किसान कानून वापस लेने की अपील की। कहा कि किसानों की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता अन्नदाताओं के साथ है।
सांसद संजय सिंह ने आगे कहा कि इस घटना पर सबकी जवाबदेही तय होनी चाहिए, भाजपा जगह-जगह खुद को किसानों का हितैषी बताने का नाटक करती है जबकि वास्तव में भाजपा के शासन में किसानों को बुरा हाल है। सात दिसंबर तक जारी खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचने के लिए प्रदेश के जिन किसानों ने पंजीकरण कराया है उनमें से 3,50,000 किसानों की धान खरीद अब तक नहीं हो सकी है। किसान औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं।
सरकार कुछ और बोल रही है और हकीकत कुछ और है। प्रदेश में धान खरीद के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश के दो किसान अब तक किसान आंदोलन के दौरान आत्महत्या कर चुके हैं, पर केंद्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए नए किसान कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है। कहा, सरकार रेल, तेल, कोल सहित देश की सारी संपत्ति बेचने में लगी है। उन्होंने सोमवार को होने वाली वार्ता में सरकार को किसानों की मांगें मानते हुए किसान बिल वापस लेने की अपील की।
ब्यूरो रिपोर्ट खबर जोन